69000 Teachers Recruitment : 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार जारी है। मंगलवार को एक बार फिर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर पहुंच गये और जमकर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी जल्द नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति दने की मांग की गयी है।
69000 Teachers Recruitment : दोनों पक्षों से मांगा लिखित में जवाब
उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने आगे की सुनवाई के लिए राज्य सरकार व अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया है। कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के नये सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के फैसले का अध्ययन करेगी। बाद में कानूनी पहलुओं को परखकर आदेश दिया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने 23 सितंबर को दोनों पक्षों से लिखित जवाब मांगा है।
69000 Teachers Recruitment : आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न हो अन्यायः मायावती
69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के नयी सूची जारी करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी है। बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट शेयर किया। बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा कि शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ किसी भी दशा में अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, इस मामले में सरकार ईमानदार रूख़ अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो सके।
69000 Teachers Recruitment : भाजपा सरकार नौकरी देने वाली नहींः अखिलेश यादव
उच्चतम न्यायालय के 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। सपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा कि भाजपा नौकरी देने वाली सरकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार दोहरा खेल न खेले। इस दोहरी सियासत से दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को ठगने और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से ठेस पहुँचाने का काम भाजपा सरकार न करे। यूपी की भाजपा सरकार की भ्रष्ट-प्रक्रिया का परिणाम अभ्यर्थी क्यों भुगतें।
उन्होंने कहा कि जो काम तीन दिन में हो सकता था, उसके लिए 3 महीने का इंतज़ार करना और ढिलाई बरतना बताता है कि भाजपा सरकार किस तरह से नयी सूची को जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना व सुप्रीम कोर्ट ले जाकर शिक्षक भर्ती को फिर से लंबे समय के लिए टालना चाह रही है। सुप्रीम कोर्ट ले जाकर भर्ती लटकाने की भाजपाई चालबाज़ी को अभ्यर्थी समझ रहे हैं। यूपी भाजपा सरकार का ऐसा आचरण घोर निंदनीय है। भाजपा न इनकी सगी है, न उनकी।