Akhilesh Yadav : राजधानी लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र की जयंती के उपलक्ष्य में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी के नेता व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी लोगों ने जनेश्वर जी को बहुत करीब से देखा है और उनकी कार्यशैली को भी जाना है। साथ ही उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कह कि यह लोग चुनाव के पहले सिर्फ षड्यंत्र कर रहे हैं और समाजवादियों को बदनाम करने के प्रयास कर रहे हैं।
Akhilesh Yadav: सरकार पर जमकर बोला हमला
जनेश्वर मिश्र पार्क में मीडिया को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ काम बिगाड़ना जानती है उसका यही एक काम है। वह पुलिस को कार्यकर्ता बनाना चाहती है। भाजपा चुनाव के पहले षड्यंत्र कर रही है और उसका एक ही लक्ष्य है कि समाजवादियों को कैसे बदनाम किया जाए।
Akhilesh Yadav : गोमती नगर घटना पर भी दिया बयान
सोमवार को कार्यक्रम के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने गोमती नगर की घटना के बाद सीएम योगी के बयान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गोमती नगर घटना में आरोपियों की सूची बहुत लंबी थी और पुलिस ने पूरी सूची भी जारी कर दी थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री जी ने सिर्फ यादव और मुस्लिम का ही नाम लिया। सच्चाई पुलिस भी जानती है कि जिस लड़के का नाम लिया गया वह सिर्फ वहां पर चाय पीने गया था, लेकिन पुलिस को यादव मिल गया इसलिए उसे जेल भेज दिया। आगे उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आएगी तो ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे जो वर्दी पहनकर भाजपा के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे हैं।
Akhilesh Yadav : ट्वीट कर डिप्टी सीएम को भी किया था टारगेट
अखिलेश यादव लगातार भाजपा सरकार और उनके मंत्रियों पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने रविवार को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट से एक पोस्ट करते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा था। पोस्ट में अखिलेश ने लिखा था कि भाजपा की ‘स्टूल किट’ की किट-किट से जनता परेशान हैं। ये कोई काम तो करते नहीं हैं, इसीलिए इन्हें ‘बयान मंत्री’ बना दें। दिल्ली-लखनऊ के ओलम्पिक में ये बेचारे गेंद की तरह हैं, दिल्ली का रैकेट इधर से लखनऊ भेजता है, तो लखनऊ का रैकेट दिल्ली। ये हारे हुए हैं और कृपा पात्र मंत्री जी हैं, इसीलिए ये चुपचाप सब सहने पर मजबूर है। ये राजनीतिज्ञ नहीं, राजनीति के शिकार हैं।