Avoid common mistakes : वसीयत अमूमन सभी लिखते हैं। बुढ़ापे की चौखट पर खड़े लोग अक्सर किसी ना किसी को अपनी संपत्ति का वारिस जरूर बनाते हैं। वसीयत के जरिए लोग अपनी संपत्ति का मालिकाना हक किसी और को सौंप सकते हैं। हालांकि वसीयत लिखते समय अंजाने में लोग अक्सर कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनकी वसीयत पर कानूनी बादल मंडराने लगते हैं। तो आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं वसीयत की कुछ जरूरी बातें, जिसकी मदद से आप कई परेशानियों को अवॉयड कर सकते हैं।
- हस्ताक्षर पर ध्यान दें
वसीयत के हर पेज पर नीचे आपको हस्ताक्षर करने होते हैं। ऐसे में कई बार हस्ताक्षर साफ नहीं होता है और आपका नाम समझने में परेशानी हो सकती है। इसलिए हस्ताक्षर के नीचे ब्रैकेट में अपना पूरा नाम जरूर लिख दें। इससे हस्ताक्षर मिलाने में भी आसानी रहेगी। हिंदी और अंग्रेजी, जिस भी भाषा में आपका हस्ताक्षर है, उसी भाषा में अपना नाम साफ अक्षरों में नीचे लिखना ना भूलें। - पेजिशन पर ध्यान दें
वसीयत लिखते समय बैठने की पोजिशन और पेन पकड़ने के तरीके का भी खास ख्याल रखें। कई बार पोजिशन बदलने और गलत तरीके से पेन पकड़ने पर हस्ताक्षर अलग हो जाते हैं। वहीं सिग्नेचर मैच ना होने पर आपके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप एक ही पोजिशन में बैठकर सभी पन्नों पर हस्ताक्षर करें। - एक ही साइज के पेज लें
वसीयत लिखने के लिए पेज के साइज का भी खास ख्याल रखें। ध्यान रहे की सभी पन्नों का साइज एक जैसा हो क्योंकि अलग-अलग साइज के पेजों का इस्तेमाल करने से वसीयत पर असर पड़ता है और आपकी वसीयत अमान्य घोषित हो सकती है। - एक पेन से वसीयत लिखें
वसीयत लिखने के लिए अलग-अलग पेन का इस्तेमाल भूलकर भी ना करें। इससे आपकी लिखावट बदल जाती है और आपकी वसीयत खारिज हो सकती है। इसलिए अपनी पूरी वसीयत एक ही पेन से लिखना बेहतर होता है।