Bank Strike: देश के बैंक कर्मी दिसंबर महीने में छह दिनों के लिए देशव्यापी हड़ताल पर जाने वाले हैं। इस हड़ताल में सरकारी बैंक से लेकर निजी बैंक शामिल हैं। ऐसे में अगर आप दिसंबर माह में कोई बैंकिंग कामकाज का दिन निर्धारित किया है तो उसको नवंबर महीने में पूरा कर लें, ताकि आपको समस्या का सामना न करना पड़े।
Bank Strike: हड़ताल को लेकर एआईबीईए ने जारी की अधिसूचना
राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (एआईबीईए) ने एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में कहा कि दिसंबर के महीने में छह दिनों के लिए बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर जाएगें। विभिन्न बैंक और सरकारी और निजी दोनों बैंक हड़ताल का हिस्सा होंगे। AIBEA 4 से 11 दिसंबर तक बैंकवार हड़ताल करेगा।
Bank Strike: इस इस दिन बंद रहेंगे बैंक
4 दिसंबर: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और पंजाब एंड सिंध बैंक
5 दिसंबर: बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया
7 दिसंबर: केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
8 दिसंबर: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र
11 दिसंबर: प्राइवेट बैंक
Bank Strike: जानिए क्या है कि AIBEA की मांगें
AIBEA ने अपनी मांगों की सूची में कहा है कि सरकार को बैंकों में स्थायी नौकरियों की आउटसोर्सिंग बंद करनी चाहिए और बैंकों में अवार्ड स्टाफ की पर्याप्त भर्ती भी करनी चाहिए। एआईबीईए के महासचिव सी.एच वेंकटचलम ने पहले बताया था कि कुछ बैंकों द्वारा नौकरियों की आउटसोर्सिंग निचले स्तर पर भर्ती में कमी के अलावा ग्राहकों की गोपनीयता और उनके पैसे को खतरे में डाल रही है। वेंकटचलम ने आगे कहा था कि कुछ बैंक औद्योगिक विवाद (संशोधन) अधिनियम का भी उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जहां श्रम अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया है, वहां भी प्रबंधन ने उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया है, औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और कर्मचारियों को जबरन स्थानांतरित कर दिया है।
Bank Strike: हड़ताल के संभावित प्रभाव
बैंक हड़ताल का आम लोगों के जीवन पर काफी असर पड़ने की संभावना है। इस दौरान बैंकों के सभी कामकाज ठप हो जाएंगे। इससे लोगों को लेन-देन करने में परेशानी होगी। इसके अलावा, बैंकों में जमा पैसे निकालने, चेक भुनाने, लोन लेने-देने, आदि जैसे काम करने में भी दिक्कत हो सकती है।सरकार और बैंक प्रबंधन ने अभी तक इस हड़ताल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि सरकार इस हड़ताल को रोकने के लिए कुछ उपाय कर सकती है। लेकिन अगर हड़ताल होती है, तो इसका असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।