Bihar News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी (नंबर BR01CL…) एक बार फिर नियमों के उल्लंघन के आरोप में घिर गई है। गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 3 अगस्त 2024 को समाप्त हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद इसे सड़कों पर चलाया जा रहा था। यह जानकारी तब सामने आई जब मुख्यमंत्री रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के कुसही बेतिया गांव में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
Bihar News : पुराने नियमों की अनदेखी का मामला
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री की गाड़ी नियम तोड़ते हुए पकड़ी गई है। इससे पहले 23 फरवरी 2024 को इस गाड़ी का सीट बेल्ट न लगाने के लिए चालान काटा गया था, लेकिन जुर्माना अभी तक जमा नहीं किया गया है। सवाल उठते हैं कि क्या राज्य के मुख्यमंत्री, जो स्वयं कानून व्यवस्था के रखवाले हैं, खुद नियमों का पालन नहीं करते हैं?
परिवहन विभाग द्वारा राज्य में चलाए जा रहे वाहन चेकिंग अभियान में आम लोगों के वाहनों को तो तुरंत चालान काट दिया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री की गाड़ी के मामले में दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है?
Bihar News : परिवहन विभाग के अभियान पर सवाल
इस मामले पर राजनीतिक दलों में भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्षी दल के नेता विमल कुमार ने कहा, “यह बिहार का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री की गाड़ी खुद नियमों का उल्लंघन कर रही है, जबकि आम जनता पर कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं। यह सुशासन के दावों पर सवाल खड़े करता है।” यह घटना एक बार फिर राज्य में नियमों के समान रूप से लागू होने को लेकर बहस छेड़ दी है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री जिस सरकारी गाड़ी से चलते हैं, उसका चालान कटेगा? मुख्यमंत्री के गाड़ी का सर्टिफिकेट नहीं होने पर आरजेडी ने सरकार को घेरा है. आरजेडी ने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के गाड़ी का चालान नहीं कटना यह बताता है कि राज्य में नियम सिर्फ आम जनता के लिए ही लागू है.