CM Arvind Kejriwal : दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब इस घोटाले की आंच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को 2 नवंबर को तलब किया है। इस घोटाले के संबंध में सीबीआई गत अप्रैल महीने के दौरान केजरीवाल से करीब साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। इस घोटाले में आप के दो बड़े नेता पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह पहले ही जेल में बंद हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया है।
आप नेताओं ने आशंका जताई है कि केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
यदि केजरीवाल गिरफ्तार हुए तो आम आदमी पार्टी (AAP) का क्या प्लान बी होगा, इस पर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

आप नेताओं ने आशंका जताई है कि केजरीवाल को भी गिरफ्तार करने की तैयारी है। ऐसे में सियासी गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया तो दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कमान कौन संभालेगा। आखिर आम आदमी पार्टी का प्लान बी क्या है? वैसे आप का कोई नेता अभी तक इस मुद्दे पर खुलकर नहीं बोल रहा है मगर पार्टी के भीतर ही भीतर चर्चाओं का बाजार जरूर गरम हो चुका है।
CM Arvind Kejriwal : गिरफ्तारी पर क्या होगा पार्टी का कदम
वैसे यदि आप नेताओं की शंका सही निकली और केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई तो भी दिल्ली सरकार पर कोई खतरा पैदा होता नहीं दिख रहा है क्योंकि विधानसभा में आप को प्रचंड बहुमत हासिल है। वैसे सियासी गलियारों में चल रही चर्चा और आप सूत्रों के मुताबिक यदि दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई तो पार्टी के दूसरे किसी नेता को तुरंत मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं सौंप जाएगी। आप नेता सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भी इन दोनों नेताओं ने तुरंत अपने पदों से इस्तीफा नहीं दिया था। केजरीवाल के मामले में भी पार्टी अदालती कार्यवाही का रुख देखने के मूड में दिख रही है। आप नेताओं की ओर से पूरे घटनाक्रम को साजिश करार दिया जा रहा है और आप नेताओं को पूरा भरोसा है की गिरफ्तारी के मामले में अदालत से केजरीवाल को राहत मिल जाएगी मगर यदि इस मामले में पार्टी को राहत नहीं मिल सकी तो फिर कानूनी प्रावधानों के तहत अगला कदम उठाया जाएगा।

CM Arvind Kejriwal : पार्टी नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं
वैसे जानकारों का यह अभी कहना है कि अदालत में मामला लंबा खींचने पर ज्यादा दिनों तक फैसले को टालने की स्थिति नहीं रहेगी। इसका कारण यह है कि मुख्यमंत्री का पद काफी महत्वपूर्ण होता है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री को जल्द फैसला लेना होता है। वैसे पार्टी के नेता अभी अगले मुख्यमंत्री के मुद्दे पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं मगर माना जा रहा है कि यदि केजरीवाल के खिलाफ ईडी का शिकंजा कसा तो दिल्ली के किसी वरिष्ठ मंत्री को मुख्यमंत्री पद के जिम्मेदारी सौंप जा सकती है और फिर पार्टी केजरीवाल को राहत मिलने का इंतजार करेगी। आप की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि पूरी पार्टी केजरीवाल के इर्द-गिर्द ही घूमती है। इन दिनों पांच राज्यों में चुनाव प्रचार का दौर चल रहा है और आप ने कई राज्यों में अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। आप के चुनाव प्रचार में सबसे बड़ी भूमिका केजरीवाल ही निभा रहे हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी की स्थिति में पार्टी का चुनाव अभियान भी काफी हद तक प्रभावित हो जाएगा। यही कारण है कि आप नेताओं की चिंता बढ़ गई है।