Elvish Yadav: फेमस यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी विनर एल्विश यादव सांप के जहर के अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप में मुश्किल में पड़ गए हैं.एल्विश के खिलाफ नोएडा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उन्हें सांपों को जंगल से पकड़कर मारने और उनका जहर बेचने का आरोप लगाया गया है.
Elvish Yadav: यूट्यूबर के खिलाफ केस दर्ज
एल्विश के खिलाफ मामला दर्ज होने के पीछे मेनका गांधी के एनजीओ पीपुल फॉर एनिमल्स का स्टिंग ऑपरेशन है. पीफा के स्टिंग ऑपरेशन के दौरान एल्विश ने एक एजेंट का नंबर दिया था, जिससे सांपों का जहर खरीदा जा सके. वन विभाग की टीम ने इस एजेंट को पकड़ने के लिए एक मुखबिर का इस्तेमाल किया और उसे नोएडा के एक फार्म हाउस में सांपों के जहर के साथ पकड़ा गया. एल्विश यादव ने इस मामले में अपना नाम साफ करने के लिए एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं.
एल्विश यादव एक लोकप्रिय यूट्यूबर हैं, जिनके लाखों फॉलोअर्स हैं. वह अक्सर अपने वीडियो में सांपों के साथ शूटिंग करते हुए नजर आते हैं. इसी तरह के एक वीडियो ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है. एल्विश के एक वीडियो में वह सांपों के साथ करतब दिखाते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो ने मेनका गांधी के एनजीओ पीपुल फॉर एनिमल्स का ध्यान खींचा. पीफा ने इस वीडियो की जांच की और पाया कि इसमें एल्विश ने सांपों को जंगल से पकड़कर मारने और उनका जहर निकालने का दावा किया है.
Elvish Yadav: वन विभाग ने चलाया स्टिंग ऑपरेशन
पीफा ने इस मामले में वन विभाग को शिकायत की और वन विभाग ने एक स्टिंग ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन में एल्विश ने एक एजेंट का नंबर दिया, जिससे सांपों का जहर खरीदा जा सके. वन विभाग की टीम ने इस एजेंट को पकड़ने के लिए एक मुखबिर का इस्तेमाल किया और उसे नोएडा के एक फार्म हाउस में सांपों के जहर के साथ पकड़ा गया. इस छापेमारी में एल्विश यादव के अलावा पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. एल्विश यादव ने इस मामले में अपना नाम साफ करने के लिए एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं. उन्होंने कहा है कि वह कभी भी सांपों को जंगल से नहीं पकड़ा है और न ही उनका जहर बेचा है.
हालांकि, वन विभाग और पीफा का कहना है कि उनके पास एल्विश यादव के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह इस मामले में दोषी पाए जाएंगे. एल्विश यादव के खिलाफ सांप के जहर के अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप गंभीर हैं. अगर वह दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें सात साल की जेल हो सकती है. इस मामले से यह भी पता चलता है कि सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए कुछ लोग कितनी दूर जा सकते हैं.