Gautam Adani: अदाणी समूह की कंपनियों से जुड़ा एक नया विवाद सामने आया है। अमेरिकी अभियोजकों ने अरबपति गौतम अदाणी और उनकी कंपनियों से जुड़े लोगों पर सौर ऊर्जा अनुबंध के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर (करीब 21 अरब रुपये) रिश्वत देने का आरोप लगाया है
अमेरिकी अभियोजकों ने 62 वर्षीय अदाणी, उनके भतीजे सागर और अन्य प्रतिवादियों पर 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। (Gautam Adani) यह राशि सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए दिया गया। इससे संभावित रूप से समूह को 2 अरब डॉलर (डेढ़ खरब रुपये) से अधिक का लाभ हो सकता है।
आरोप है कि यह बात अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई, जिनसे दाणी समूह ने परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। अमेरिकी कानून विदेशी भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने की अनुमति देता है, यदि उनका संबंध अमेरिकी निवेशकों या बाजारों से हो। (Gautam Adani) अदाणी समूह ने टिप्पणी के अनुरोधों का फिलहाल जवाब नहीं दिया है।
इस मामले को लाने वाले न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने एक बयान में कहा, “प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत योजना बनाई थी।”
बंदरगाहों से ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़े अदाणी समूह के चेयरमैन अदानी, उनके भतीजे सागर आर अदानी, जो समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक हैं, और इसके पूर्व सीईओ विनीत जैन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी, प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश और वायर धोखाधड़ी की साजिश का आरोप लगाया गया है। (Gautam Adani) अदाणी पर अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के एक दीवानी मामले में भी आरोप लगाए गए। पांच आरोपों वाले केस में सागर और जैन पर संघीय कानून तोड़ने का भी आरोप लगाया गया है।
अमेरिकी प्राधिकारियों ने कथित योजना के संबंध में एक बड़े कनाडाई पेंशन फंड, सीडीपीक्यू के तीन पूर्व कर्मचारियों पर भी आरोप लगाया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने ईमेल डिलीट करके और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने पर सहमति जताकर रिश्वत की जांच में बाधा उत्पन्न की। सीडीपीक्यू, जो बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करती है, अदाणी की कंपनियों में शेयरधारक है।
Gautam Adani: पूरा मामला यहां समझें
अमेरिका में जानेमाने कारोबारी गौतम अदाणी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत (फेडरल कोर्ट) ने अदाणी समेत 7 लोगों पर धोखाधड़ी और रिश्वत का आरोप लगाया गया है। (Gautam Adani) यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक, अदाणी ने भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ी एक परियोजना हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (21 अबर रुपये से ज्यादा) की रिश्वत का वादा किया था। हालांकि, अब तक इस पर कंपनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आरोप है कि इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला गया। जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी और कारोबारी के करीबी सागर और विनीत जैन का नाम शामिल है। (Gautam Adani) मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि गौतम और सागर अदाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
किन-किन पर लगाए गए आरोप?
गौतम अदाणी, सागर आर. अदाणी, विनीत एस. जैन, रंजित गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा, सौरभ अग्रवाल और सिरील कैबनीज
क्या है मामला?
दावा किया जा रहा है कि 2020 से 2024 के बीच आरोपियों ने एक सौर ऊर्जा अनुबंध पाने के लिए गलत रास्ता अपनाया। (Gautam Adani) उन्होंने भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की साजिश रची। इस अनुबंध के जरिए 20 साल में दो बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था। इसके लिए झूठे दावों और योजनाओं को आधार बनाकर कर्ज और बॉन्ड्स जुटाए गए। इसका कुछ हिस्सा अमेरिकी फर्म्स से भी जुटाया गया। न्यूयॉर्क में दर्ज मामले को लेकर कोर्ट में कहा गया कि पैसे रिश्वत विरोधी नीतियों के खिलाफ जाकर और भ्रामक बयानों के जरिए जुटाए गए। आरोपियों ने एफबीआई और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की जांच में बाधा डालने की भी साजिश रची।
अमेरिकी अटॉर्नी का बयान
अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने आरोपों में कहा कि अभियुक्तों पर अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की गोपनीय योजना बनाई थी। उन्होंने इसे लेकर सभी को अंधेरे में रखा और अमेरिकी समेत वैश्विक निवेशकों से फंड जुटाने की कोशिश करते रहे। पीस ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय बाजार से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।