Harish-Sanchita Suicide: संचिता व हरीश ने एक साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं और उसे निभाया भी। (Harish-Sanchita Suicide) दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हुआ, फिर शादी कर ली। समय बदला परिस्थितियां विपरीत हुईं तो दोनों ने आत्मघाती कदम उठा लिया। रविवार की सुबह हरीश के आत्महत्या करने की खबर मिलने के बाद संचिता यह कहकर रोने लगी कि हरीश के बिना नहीं जी पाउंगी। सारनाथ जाने के लिए कार बुक करने के बाद पिता जैसे ही कमरे में गए, दौड़ते हुए संचिता छत पर पहुंची और छलांग लगा दी।
सुबह 9:15 बजे डॉ. राम शरण को सूचना मिली कि हरीश ने गेस्ट हाउस में फंदे से लटककर जान दे दी है। पत्नी व बेटी संचिता को यह जानकारी देने के साथ ही उन्होंने सारनाथ जाने की तैयारी शुरू कर दी। डॉ. राम शरण अपने कमरे में कपड़े बदल रहे थे, तभी पता चला कि संचिता दूसरी मंजिल से नीचे कूद गई है। कर्मचारियों के साथ डॉ. राम शरण पहुंचे तो वह खून से लथपथ अचेत पड़ी थी। उसे निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
पहले दामाद फिर बेटी के आत्महत्या करने से परिवार में कोहराम मच गया। (Harish-Sanchita Suicide) रिश्तेदार व पड़ोसियों ने ढांढस बंधाने के साथ ही पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की। देर शाम परिवार के लोग शव लेकर घर आ गए। सोमवार को यूके (यूनाइेट किंगडम) से बड़े भाई संचित व हैदराबाद से छोटी बहन आस्था के आने पर अंतिम संस्कार होगा।
Harish-Sanchita Suicide: पिता की भी तबीयत है खराब
डॉ. राम शरण की तबीयत भी कुछ दिनों से खराब चल रही है। परिचितों ने बताया कि दो दिन पहले एंजियोग्राफी कराई थी। दामाद व बेटी की मृत्यु के बाद रविवार सुबह से देर रात तक डॉक्टर के घर शहर के चिकित्सकों व शुभचिंतकों का आना-जाना लगा रहा।
तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी संचिता
डॉ. राम शरण की तीन संतानों में संचिता दूसरे नंबर पर थी। सबसे बड़े बेटे संचित ने बेंगलुरु से पीएचडी की है। इस समय वह यूके में है। दूसरे नंबर की संचिता मॉडलिंग करती थी। सबसे छोटी बेटी आस्था शरण हैदराबाद फिल्म इंडस्ट्री में काम करती है।
अधूरा रह गया मॉडलिंग में मुकाम बनाने का सपना
दिल्ली की पर्ल अकादमी से फैशन डिजाइनिंग में स्नातक संचिता मॉडलिंग की दुनिया में अलग मुकाम बनाना चाह रही थी। (Harish-Sanchita Suicide) इसके लिए वह प्रयासरत भी रही। अपने इंस्टाग्राम पर मुंबई, लखनऊ व गोरखपुर में बनाए कई वीडियो पोस्ट भी किए थे। कई वीडियो में हरीश भी उसके साथ है।
हरीश पांच जुलाई को ससुर से पटना में बहन के घर जाने की बात कहकर निकले थे। पत्नी संचिता उन्हें रेलवे स्टेशन छोड़ने आई थी। 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद बहन का सब्र टूटा तो संचिता को फोन किया। तब पता चला कि हरीश दो दिन पहले ही पटना के लिए निकल गए थे।
गूगल पर लोकेशन देख रितेश्दार को भेजा गेस्ट हाउस
हरीश का मोबाइल फोन न उठने पर बहन ने गूगल पर लोकेशन चेक किया तो सारनाथ स्थित स्टे होम गेस्ट हाउस में होने की जानकारी हुई। उन्होंने लालपुर पांडेयपुर (वाराणसी) में रहने वाले रिश्तेदार राजीव को वहां भेजा। राजीव के खटखटाने पर दरवाजा नहीं खुला तो गेस्ट हाउस के मालिक उमेश सिंह की मदद ली। सारनाथ पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो शव फंदे से लटकता मिला। कमरे में पर्स, मोबाइल, मादक पदार्थ मिले।
क्यों गए सारनाथ, पुलिस तलाश रही जवाब
पटना जाने के लिए घर से निकले हरीश ने पांच जुलाई को ही ऑनलाइन सारनाथ स्थित स्टे होम में तीन दिन के लिए कमरा बुक किया और रात आठ बजे पहुंच गए। दो दिन तक वह कमरे से नहीं निकले। ऑनलाइन खाना मंगाकर खाते थे। वाराणसी पुलिस अब इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि वह पटना की जगह सारनाथ क्यों गए।
मार्च में भी हरीश दो दिन रुके थे
स्टे होम के मालिक उमेश सिंह ने बताया कि हरीश बागेश मार्च में भी उनके यहां दो दिन रुके थे। 14 सौ रुपये में तीन दिन के लिए कमरा बुक किया था। कमरे में एक बेड, कुर्सी की सुविधा थी।