नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी से पूछा कि मनीष सिसोदिया के पास 2 करोड़ रुपये कैसे आए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया के पास सीधे पैसे नहीं आए हैं, तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे बनता है?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने ईडी के वकील से कहा कि लिकर ग्रुप की बातचीत में मनीष सिसोदिया शामिल नहीं हैं। तो आप उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कैसे लाए?
SC ने पूछा- मनीष सिसोदिया के पास सीधे पैसे नहीं आए, तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे बनता है?
ईडी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया के पास 2.2 करोड़ रुपये आए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत कहां है? आप घटनाक्रम साबित करना होगा। देखने पर तो लगता है कि मनीष सिसोदिया इसमें शामिल नहीं लगते। उनको तो पैसे मिले नहीं। सिसोदिया के पास पैसे कैसे आए? कोर्ट ने आगे पूछा कि क्या पॉलिसी कॉपी या साझा करने का डेटा है?
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील से पूछा कि अगर रिश्वत ली गई है तो आप इसे कैसे साबित करेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहेंगे कि एएसजी दोपहर 3 बजे तक समापन करें। आम तौर पर हम जमानत के मामले में इतना समय नहीं लेते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील से पूछा कि इस ईमेल में वैट कम करने के साथ-साथ लाइसेंस शुल्क भी बढ़ाने में क्या गलत है और यह राजस्व के अनुपात में है? इसपर ईडी के वकील ने कहा कि इसके बारे में पड़ताल की गई थी और पाया गया कि सभी ई-मेल एक जैसे थे। अदालत ने कहा कि हो सकता है, लेकिन कुछ नौकरशाह अपने तरीके से नोट्स तैयार करेंगे। उनकी राय सरकार से भिन्न हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानूनी राय नीति पर नहीं हो सकती। हम वकील और न्यायाधीश हैं, हम यहां नीति बनाने के लिए नहीं हैं।
सुनवाई दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सुनवाई की मुख्य बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा कि मनीष सिसोदिया के पास 2 करोड़ रुपये कैसे आए?
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया के पास सीधे पैसे नहीं आए हैं, तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे बनता है?
- सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील से पूछा कि अगर रिश्वत ली गई है तो आप इसे कैसे साबित करेंगे?
- सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील से पूछा कि इस ईमेल में वैट कम करने के साथ-साथ लाइसेंस शुल्क भी बढ़ाने में क्या गलत है और यह राजस्व के अनुपात में है?
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानूनी राय नीति पर नहीं हो सकती। हम वकील और न्यायाधीश हैं, हम यहां नीति बनाने के लिए नहीं हैं।
सुनवाई का नतीजा क्या होगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से यह स्पष्ट है कि ईडी को मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत पेश करने होंगे।
WATCH | मनीष सिसोदिया की बेल पर सुनवाई टली
— ABP News (@ABPNews) October 5, 2023
– अलगी सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी
मातृभूमि @vivekstake के साथ | @Sehgal_Nipun | https://t.co/smwhXUROiK#MatrBhumiOnABP #AamAadmiParty #SanjaySingh #DelhiLiquorScam #ManishSisodia pic.twitter.com/oBn90bBtRC