
India security threat: भारत के दोनों महत्वपूर्ण पड़ोसियों, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हथियारों की होड़ अचानक तेज हो गई है, जिसने भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान में बड़ी चिंता पैदा कर दी है। एक तरफ, अमेरिका अपने पुराने सहयोगी पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM नाम की एडवांस्ड हवा-से-हवा मिसाइलें देने की तैयारी कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ, चीन ने बांग्लादेश को 20 नए J-10CE फाइटर जेट का सौदा कर लिया है। (India security threat) इन दोनों डील्स से भारत की सुरक्षा को एक साथ दो मोर्चों पर नई और गंभीर चुनौतियां मिल सकती हैं। अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति में यह घटनाक्रम दर्शाता है कि दक्षिण एशिया में सत्ता का संतुलन (Balance of Power) तेजी से बदल रहा है, और भारत को अपने पश्चिमी और पूर्वी दोनों मोर्चों पर हवाई सुरक्षा को लेकर तत्काल नई रणनीति बनाने की जरूरत है।
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India security threat: पश्चिमी सीमा पर ‘हवाई खतरा’: पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइलें
हाल के सैन्य टकराव के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरने लगे हैं, और इस सुधार का सीधा असर भारत की सुरक्षा पर पड़ रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने रेथियॉन कंपनी को AIM-120 मिसाइलों के C8 और D3 वर्जन के लिए 41.6 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त ऑर्डर दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ये मिसाइलें पाकिस्तानी एयर फोर्स (PAF) के F-16 विमानों को अपग्रेड करने के लिए हैं। ये मिसाइलें बहुत एडवांस्ड हैं और दुश्मन के विमान को दूर से ही मार गिरा सकती हैं। (India security threat) नई C8 वर्जन AIM-120D का एक्सपोर्ट मॉडल है, जो अमेरिकी एयर फोर्स में इस्तेमाल होता है। यह खतरा इसलिए भी गंभीर है क्योंकि 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान ने इसी तरह की मिसाइल (पुराने वर्जन) से भारतीय MiG-21 को मार गिराया था। नई मिसाइलों की तैनाती से भारत के पश्चिमी बॉर्डर पर हवाई टकराव का खतरा और बढ़ जाएगा। F-16 पहले से ही भारत के लिए समस्या हैं, अब अपग्रेड से ये और खतरनाक हो जाएंगे।
पूर्वी मोर्चा हुआ मज़बूत: बांग्लादेश को चीन से मिले ‘घातक’ J-10CE जेट्स
पाकिस्तान को अमेरिका से मदद मिलने के साथ ही, भारत का पूर्वी पड़ोसी बांग्लादेश भी चीन के साथ एक बड़ा रक्षा सौदा कर रहा है, जो भारत के लिए एक और चिंता का विषय है। बांग्लादेश चीन से 2.2 बिलियन डॉलर के सौदे में 20 J-10CE फाइटर जेट खरीदने वाला है। ये जेट्स 2026-2027 में डिलीवर होंगे, और इसका भुगतान 10 सालों में किया जाएगा। (India security threat) J-10CE चीन के J-10C का एक्सपोर्ट वर्जन है, जो तेज, मॉडर्न और मल्टीरोल क्षमता वाले हैं। ये जेट्स बांग्लादेश की पुरानी F-7 जेट्स को रिप्लेस करेंगे और बांग्लादेश की हवाई ताकत को बहुत मजबूत करेंगे। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन बांग्लादेश को हथियार देकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। (India security threat) भारत का पूर्वी बॉर्डर लंबा है, और अगर बांग्लादेश की एयर फोर्स मजबूत होती है, तो भारत को दो-मोर्चे की जंग (पाकिस्तान और चीन) के अलावा तीसरा मोर्चा झेलना पड़ सकता है।
भारत के लिए ‘जियोपॉलिटिकल रिस्क’
ये दोनों डील्स सिर्फ सैन्य खतरा नहीं हैं, बल्कि ये जियोपॉलिटिकल रिस्क को भी दर्शाती हैं। अमेरिका पाकिस्तान को सपोर्ट देकर भारत को संतुलित (Balance) करने की कोशिश कर रहा है, जबकि चीन बांग्लादेश को अपने खेमे में ला रहा है। इससे पूरे दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ेगा। इस भू-राजनीतिक खींचतान से भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ (Neighborhood First) पॉलिसी पर असर पड़ सकता है। अगर ये हथियार कभी इस्तेमाल हुए, तो भारत की एयर डिफेंस को एक बड़ी चुनौती मिलेगी।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारत को अपनी रक्षा क्षमता को तुरंत और मजबूत करना होगा। राफेल जेट्स और S-400 सिस्टम जैसे हथियार पहले से ही हैं, लेकिन और निवेश ज़रूरी है। साथ ही, भारत को अपनी कूटनीति से भी पड़ोसियों को संभालने की रणनीति बनानी होगी और अंतर्राष्ट्रीय दोस्तों (जैसे क्वाड) से मदद लेनी होगी। (India security threat) ये डील्स बताती हैं कि दक्षिण एशिया में हथियारों का खेल तेज हो रहा है। भारत को अब नई स्ट्रैटेजी और त्वरित एक्शन के साथ इन चुनौतियों का सामना करना होगा।








