Indore News: इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज में 5 महीने पहले एक रैगिंग का मामला सामने आया था। इस मामले में जब कॉलेज और विश्वविघालय अनुदान आयोग से कोई भी मदद नहीं मिली तब पुलिस ने अपने अंदाज में आरोपियों को पकड़ने का एक प्लान तैयार किया। पुलिस ने अपने खुफिया टीम को स्टूडेंट बनाकर कॉलेज में भेजा और पांच महीने तक कोशिश करने के बाद टीम रैगिंग करने वालों तक पहुंची।
दरअसल इंदौर (Indore News) के इस मेडिकल कॉलेज में कुछ सीनियर स्टूडेंट्स की ओर से जूनियर स्टूडेंट की रैगिंग (MGM Medical College ragging case) करने का मामला सामने आया था. बता दे की इस मामले की एक पीड़ित छात्र ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की हेल्पलाइन पर शिकायत की थी. उसके बाद यह कॉलेज मैनेजमेंट ने अज्ञात सीनियर स्टूडेंट्स के खिलाफ बीते 24 जुलाई को इसका संयोगितागंज पुलिस थाने में इसका मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने लंबी पड़ताल के बाद पिछले दिनों ही आरोपी 10 सीनियर स्टूडेंट्स (Students) की पहचान की थी. उसके बाद उनमें से 6 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया गया. चार अभी फरार बताए जा रहे हैं।
अंडरकवर टीम का हिस्सा बनकर पहुंची कॉलेज
एक इंटरव्यू में शालिनी चौहान ने बताया कि इस केस को हमारे थानाप्रभारी तहजीब काजी और सब इंस्पेक्टर सत्यजीत चौहान लीड कर रहे थे. आला अधिकारियों के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एक अंडर कवर टीम का गठन किया गया. उसे भी इस अंडरकवर टीम में शामिल किया गया. शालिनी के अनुसार उसे कुछ स्टूडेंट्स (Students) के बारे में फीडबैक देकर उनके बीच रहकर रैगिंग करने वालों की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
(Indore News) मध्य प्रदेश के देवास जिले के 10,000 की आबादी वाले शहर बागैल की रहने वाली शालिनी चौहान इस समय संयोगितागंज थाने में तैनात है। 24 वर्षीय शालिनी के पिता भी पुलिस थे जिनका निधन वर्ष 2010 में हो गया था। पिता से प्रेरणा लेकर ही शालिनी भी पुलिस फोर्स में भर्ती हुई। और इस केस की जांच करने के लिए वो बिल्कुल एक आम स्टूडेंट (Students) की तरह तैयार होकर रोजाना कॉलेज जाती थी।
इस दौरान वो जींस-टॉप पहनकर बैग में किताबें रखकर एक फ्रैशर स्टूडेंट (Students) की तरह पेश आती थी। शालिनी रोज कैंटीन में 5 से 6 घंटे का समय बिताती थी और इस दौरान वो कैंटिन में मौजूद सभी छात्रों से हंसी-मजाक के साथ बात करती रहती थीं।
मेडिकल छात्रों ने की थी शिकायत
प्रभारी अधिकारी तहजीब काजी व एसआई (SI) सत्यजीत चौहान इस मामले की जांच कर रहे थे। मेडिकल छात्रों (Students) ने यूजीसी को गोपनीय शिकायत भेजी थी। 24 जुलाई को पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर 6 धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने गोपनीय जानकारी जुटाई जिससे पचा चला की रैंगिंग करने वाले सभी आरोपी सीनियर छात्र हैं। जब इसकी खबर आरोपी सीनियर्स को लगी तो उन्होंने पिड़ित जूनियर पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
इस मामले को लेकर थानाप्रभारी तहजीब काजी ने शालिनी की भूमिका प्रशंसा करते हुए कहा कि वह कॉलेज जाने वाली लड़की जैसी ही तरह दिखती है. पुलिस की नेचर की विपरीत वह बातचीत करने में प्यारी है. यही कारण है कि स्टूडेंट्स ने उसका भरोसा कर लिया. शालिनी देवास जिले के बागली की रहने वाली है. पहचाने गए संदिग्धों में 9 मध्य प्रदेश के हैं और एक-एक बंगाल और बिहार का है।
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