Jharkhand: राष्ट्रीय परशुराम सेना के संरक्षक धनंजय शुक्ला ने मरणोपरांत अपने शरीर के सभी अंगों को दान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने रांची के रिम्स अस्पताल में जाकर सारी कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। यहां तक कि उन्होंने मरणोपरांत अपनी पार्थिव शरीर को भी म्यूजियम में रखने को कहा ताकि उनकी बॉडी पर परीक्षण करके लोग सफल डॉक्टर बन सकें।
धनंजय शुक्ला के इस निर्णय की पूरे समाज में सराहना हो रही है। लोग उन्हें एक महान समाजसेवी बता रहे हैं। धनंजय शुक्ला ने बताया कि उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि वे समाज में कुछ अच्छा कर सकें। उन्होंने कहा कि जब वे जीवित रहेंगे तो वे अपने शरीर से कुछ नहीं कर पाएंगे, लेकिन जब वे मर जाएंगे तो उनके शरीर से दूसरों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
धनंजय शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार को भी इस बारे में जानकारी दे दी है। (Jharkhand) उनके परिवार ने भी उनके इस निर्णय का समर्थन किया है। धनंजय शुक्ला के इस निर्णय से प्रेरित होकर अन्य लोगों को भी ऐसे निर्णय लेने चाहिए।
Jharkhand: धनंजय शुक्ला के बारे में
धनंजय शुक्ला एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी हैं। उन्होंने देश की सेवा में कई साल बिताए हैं। वे राष्ट्रीय परशुराम सेना के संरक्षक भी हैं। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और समाज के लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
धनंजय शुक्ला का यह निर्णय समाज के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया है कि मृत्यु के बाद भी लोग दूसरों की मदद कर सकते हैं।