Kangana Ranaut : मंडी सीट से लोकसभा सांसद एक बार फिर अपने बयान के चलते विवादों में फंस गई है। उन्होंने टीवी इंटरव्यू में कहा कि अगर हमारा शीर्ष मजबूत नहीं रहेगा तो बांग्लादेश देश जैसी स्थिति हमारे देश की भी हो सकती है। किसान आंदोलन पर भी सवाल उठाते हुए कंगना ने कहा कि उस समय उपद्रवी भारी हिंसा फैला रहे थे और प्रदर्शन स्थल पर रेप और हत्याएं हुई थी। अब कंगना के इस बयान पर बवाल मच गया है। विपक्ष लगातार कंगना के इस बयान को लेकर बीजेपी को घेर रहा है। लेकिन बीजेपी ने भी कंगना के इस बयान से अपना किनारा कर लिया है।
Kangana Ranaut : कृषि कानून वापस लेने के फैसले को बताया सही
कंगना रनौत ने अपने बयाने में यह भी कह दिया कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेकर बहुत अच्छा किया क्योंकि प्रदर्शनकारियों के इरादे बिल्कुल भी अच्छे नहीं थे। अगर ऐसा न किया होता तो पंजाब और हरियाणा में बांग्लादेश जैसे हालात हो जाते। कंगना ने कहा कि जब सरकार ने कानून वापस लिया तो उपद्रवी चौंक गए क्योंकि उनकी प्लानिंग हिंसा को लेकर कुछ और थी। कंगना के बयान पर पंजाब नेता और पूर्व मंत्री राज कुमार वेरका ने कंगना के खिलाफ एकआईआर दर्ज कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि कंगना देश के किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें जेल भेज देना चाहिए।
Kangana Ranaut : बीजेपी ने किया कंगना के बयान से किनारा
कंगना के इस बयान पर जैसे ही बवाल मचा बीजेपी ने इससे अपना किनारा कर लिया। पंजाब के बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने इसे कंगना का निजी बयान बताया है। उन्होंने कहा कि किसानों पर बोलना कंगना का विभाग नहीं है, यह उनका निजी बयान है। पीएम मोदी और बीजेपी किसानों के हितैषी है। कंगना को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी के तमाम नेताओं ने कंगना के इस बयान को शीर्ष नेताओं के पास भेज दिया, और उनके इसको लेकर शिकायत भी की।