Kedarnath helicopter emergency landing: बड़ा हादसा! हाईवे बना रनवे, 4th इमरजेंसी लैंडिंग से मचा हड़कंप, क्या आस्था के नाम पर हो रहा ‘जान’ से खिलवाड़?

Kedarnath helicopter emergency landing: उत्तराखंड की पवित्र घाटियों में जब श्रद्धा और आस्था का संगम होता है, तब हजारों-लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा की ओर कूच करते हैं। ऊंचे पहाड़ों, घुमावदार रास्तों और कठिन मौसम के बीच यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि साहस की भी परीक्षा है। (Kedarnath helicopter emergency landing) लेकिन जब आस्था का सफर अचानक डरावने मोड़ पर आ जाए, तो यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, एक चेतावनी बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ केदारनाथ जा रहे एक हेलिकॉप्टर के साथ, जब आसमान की उड़ान अचानक जमीन पर आ गिरी।

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Kedarnath helicopter emergency landing: आस्था की उड़ान को लगा झटका

शनिवार की सुबह उत्तराखंड के बढ़ासु (सिरसी) से केदारनाथ के लिए रवाना हुआ एक हेलिकॉप्टर अचानक तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। यात्रियों से भरा यह हेलिकॉप्टर जैसे ही हवा में कुछ गड़बड़ी का संकेत देने लगा, पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे हाईवे पर इमरजेंसी लैंड कराने का फैसला किया। (Kedarnath helicopter emergency landing) नजारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था हेलिकॉप्टर नीचे आता है, हाइवे पर गाड़ियों की आवाजाही थमती है, और कुछ ही पलों में लैंडिंग हो जाती है। इस पूरे घटनाक्रम में हेलिकॉप्टर में सवार सभी पांच श्रद्धालु और पायलट पूरी तरह सुरक्षित बचा लिए गए। हालांकि, लैंडिंग के दौरान हेलिकॉप्टर के पिछले हिस्से को काफी नुकसान पहुंचा और हाईवे पर खड़ी एक गाड़ी को भी टक्कर लगी।

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जांच के घेरे में हवाई सुरक्षा

घटना की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) ने तत्काल इस मामले की सूचना नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को दी है। अधिकारियों के अनुसार, जांच शुरू कर दी गई है और दुर्घटना के तकनीकी कारणों की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। (Kedarnath helicopter emergency landing) यह हेलिकॉप्टर एक पंजीकृत हवाई सेवा का हिस्सा था जो चारधाम यात्रियों को सुविधा देने के लिए चलाया जा रहा था।

चार हादसे, एक ही संदेश

चौंकाने वाली बात यह है कि चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद यह चौथा हेलिकॉप्टर हादसा है। इससे पहले भी केदारनाथ हेलिपैड के पास एक अन्य हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हो चुकी है, जिसमें दो डॉक्टर और पायलट बाल-बाल बचे थे। (Kedarnath helicopter emergency landing) यात्रियों की जान भले ही बच गई हो, लेकिन इन घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। पहाड़ी इलाकों में मौसम की मार और तकनीकी खामियों के चलते बार-बार हो रहे ये हादसे यात्रा प्रबंधन की पोल खोल रहे हैं।

आस्था के सफर में सावधानी जरूरी

केदारनाथ की यात्रा केवल धार्मिक ही नहीं, एक संवेदनशील लॉजिस्टिक ऑपरेशन भी है। बढ़ती भीड़, खराब मौसम, और तकनीकी लापरवाही मिलकर ऐसे हादसों को न्योता दे रहे हैं। अब समय आ गया है कि प्रशासन न केवल जांच करे, बल्कि हवाई सेवाओं की पुनः समीक्षा कर उन्हें अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए। वरना कहीं ऐसा न हो कि श्रद्धा की उड़ान को बार-बार इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़ें और हर हाईवे को रनवे बनाना पड़े।

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