Lucknow News: लोकबंधु अस्पताल में आग, इन 21 तस्वीरों में देखिए किस हालत में बाहर निकाले गए मरीज, कैसे हुआ बचाव कार्य

Lucknow News: लखनऊ के लोकबंधु अस्तपाल में सोमवार की रात आग लग गई। आनन-फानन में सभी मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाला गया। ये तस्वीरें ये कहानी बयां करती हैं। इस घटना में एक मरीज की मौत हो गई।

आग की खबर फैलते ही आनन-फानन वार्ड में भर्ती मरीजों को दूसरे वार्ड में और गंभीर मरीजों को सिविल और बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। इस दौरान आईसीयू में धुंआ भरने से दो मरीजों की हालत गंभीर हो गई। आग लगने की वजह पता नहीं चल पाई है।

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अस्पताल के दूसरे तल पर मेडिसिन विभाग का फीमेल वार्ड है और आईसीयू वार्ड है। आग करीब साढ़े नौ बजे लगी।

आग लगने की वजह से दूसरे तल पर धुंआ भर गया। जिसकी वजह से मरीजों का दम घुटने लगा। मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसकी वजह से लोग इधर उधर भागने लगे।

मेडिसिन वार्ड में भर्ती महिलाओं को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। आईसीयू में भर्ती मरीजों शिफ्ट करने में ज्यादा समस्या हुई।

अस्पताल में आग लगने से लपटें दूर तक नजर आ रहीं थीं। ऐसे में सड़क पर भीड़ जमा हो गई। सूचना पाकर मौके पर दमकल की पांच गाडियां मौके पर पहुंचीं।

आग लगने की वजह से मरीज और तीमारदारों के दिल दहल उठे। अपनों को बचाने के लिए लोग चीख-पुकार करने लगे।

कई तीमारदार अपने मरीजों को गोद में लेकर भागे तो कुछ स्ट्रेचर और व्हील चेयर के साथ नीचे भागे।धुंए की वजह से दिक्कत ज्यादा बढ़ गई।
कर्मचारी और तीमारदारों ने जान की परवाह किए बिना मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश की। आग बढ़ने से रोकने के लिए कर्मचारियों ने बिजली बंद कर दी थी।

ऐसे में मोबाइल की टॉर्च से राहत कार्य की कोशिश की गई। धुंआ निकालने के लिए खिड़की और दरवाजे में लगे कांच को तोड़कर धुंआ बाहर निकालने की कोशिश की गई।

उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक अस्पताल में भीषण की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और जिलाधिकारी से पूरे मामले की जानकारी ली।

अग्निकांड के बाद अस्पताल से निकाले गए मरीजों को राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया

रीजों को सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू, लोहिया व अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। देर रात तक अस्पताल में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन जारी था। हालांकि इस घटना में किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। राहत बचाव कार्य देर रात तक चलता रहा। कुछ इस तरह ले जाए गए मरीज।

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