Lucknow News: लखनऊ के गोलागंज निवासी सैयद मोहम्मद अली काज़मी अपने माता-पिता, पत्नी, बहन और एक बच्चे के साथ 29 मई को ज़ियारत पर ईरान गए थे। उनके साथ मौलाना कल्बे आबिद की अगुवाई में कुल 23 लोग इस ग्रुप में शामिल थे, जिनमें 14 महिलाएं भी थीं। (Lucknow News) काज़मी ने फोन पर बताया कि ज़ियारत पूरी हो चुकी है और फिलहाल सभी लोग ईरान के मशहद शहर के एक होटल में ठहरे हुए हैं। सभी को 21 जून को तेहरान एयरपोर्ट से भारत वापसी की फ्लाइट पकड़नी थी, लेकिन वहां से वापसी का रास्ता साफ नहीं था।
Lucknow News: भारतीय एम्बेसी से मिला सहारा
सोमवार को भारत में मौजूद काज़मी की बहन ने उन्हें भारतीय एम्बेसी का एक लिंक व्हाट्सएप पर भेजा। उस लिंक में एक फॉर्म था, जिसमें उन्होंने अपनी और ग्रुप की पूरी जानकारी भरकर भेज दी। इसके बाद मंगलवार को भारतीय एम्बेसी की तरफ से उन्हें दो बार कॉल आया। (Lucknow News) एम्बेसी ने उनकी लोकेशन और ग्रुप के सदस्यों की जानकारी ली और भरोसा दिया कि उन्हें तुर्कमेनिस्तान बॉर्डर के रास्ते भारत लौटाने की व्यवस्था की जा रही है। (Lucknow News) जब तक इंतज़ाम नहीं होता, तब तक सभी को वहीं रुकने को कहा गया है। काज़मी ने कहा कि अब उम्मीद की किरण दिखाई दी है और सबको थोड़ा सुकून मिला है।
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मुसय्यब हुसैन, निकहत फातिमा, सैयद मोहम्मद अली काजमी, सैयद मूसा अली काजमी, ऐमन मूसवी, नुजहत फातिमा, तिलत फातिमा, अजरा खान, असगर मेहंदी खान, सैयद जफर रज़ा आबिदी, कल्बे आबिद खान, रियाज़ फातिमा, फातिमा बेगम, सैयद मोहम्मद जाकिर अली काजमी, यास्मीन मुनीर, फाजिला फातिमा काजमी, हिना नकवी, जफर अब्बास नकवी, जरीना बेगम, मंजर मसूद, शाहीन फातिमा, सामेया रिजवी और जक्को बीबी।
ईरान-इज़रायल तनाव के बीच 110 भारतीय छात्र सुरक्षित लौटे वतन
ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे तनाव के बीच गुरुवार सुबह 110 भारतीय छात्र ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत सुरक्षित भारत लौट आए। जैसे ही ये छात्र अपने देश पहुंचे, उनके चेहरे पर खुशी और राहत साफ दिखाई दे रही थी। सभी ने सरकार और भारतीय दूतावास का आभार जताया। छात्रों ने बताया कि ईरान में हालात बहुत खराब हैं। मिसाइलों की तेज आवाजें, आसमान में उड़ते ड्रोन और धमाके, ये सब उन्हें हर वक्त डराते थे। एक छात्र यासिर गफ्फार ने बताया, “हमने रात में ऊपर आसमान से मिसाइलों को गुजरते देखा और तेज धमाकों की आवाजें सुनीं। डर बहुत था, लेकिन अब भारत लौटकर सुकून मिला है। हमारे सपने अभी बाकी हैं, हालात सुधरेंगे तो फिर लौटेंगे।”