Lucknow News : प्राइवेट कर्मचारियों के बाद अब सरकारी कर्मचारियों की वेतन में कटौती की तलवार लटक रही है। उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में सख्त हो गई है। सरकारी दफ्तर में देर से आने वाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती होगी। सचिवालय में देर से आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर सरकार ने सख्ती बरती है। अब मानव संपदा पोर्टल से बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली को जोड़ा जाएगा। कर्मचारियों को बायोमीट्रीक हाजिरी लगानी होगी। इसमें लापरवाही करने और देर से आने वालों की वेतन में कटौती होगी। अब इस मामले में सचिवालय कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है।
Lucknow News : 60 प्रतिशत कर्मचारी आते हैं लेट
जानकारी के अनुसार सचिवालय में 3,500 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से साठ प्रतिशत से अधिक कर्मचारी लेट से आते हैं। बीते दिनों सचिवालय प्रशासन विभाग उपस्थिति का ब्यौरा निकाला तब इस बात का खुलासा हुआ। इसके साथ ही यह भी पता चला कि 30 प्रतिशत ऐसे भी कर्मचारी हैं जो रोजाना बायोमीट्रिक उपस्थिति नहीं दर्ज कराते। इस लापरवाही पर प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन के. रवीन्द्र नायक ने नाराजगी जताई। उन्होंने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना महामारी के दौरान इस व्यवस्था में छूट दी गई थी। मगर अब मानव संपदा पोर्टल से इसे जोड़ने के बाद जो कर्मचारी हाजिरी नहीं लगाएगा उसका वेतन कट जाएगा।
Lucknow News : विरोध के बाद इन शर्तों पर बनी बात
सचिवालय प्रशासन ने सभी विभागों को पिछले तीन महीने की उपस्थिति की सूची भेजी है। साथ ही मामले को लेकर आदेश भी दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी को छूट दी जा रही है तो अनुमोदन की एक कॉपी सचिवालय प्रशासन को भी भेजी जाए। साथ ही उन कर्मचारियों की सूची बनाई जाए जो बिना ऑफिस आए वेतन ले रहे हैं।
सचिवालय संघ ने इस आदेश का विरोध किया। संघ ने सचिवालय प्रशासन से इस मामले में वार्ता की। तय हुआ है कि बिना अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव की रिपोर्ट के वेतन नहीं काटा जाएगा। साथ ही कोर्ट और निदेशालय के काम से बाहर जाने वाले, देर रात काम करने वाले, छुट्टि के दिनों में और हफ्ते में 42 घंटे से ज्यादा काम करने वाले कर्मचारियों को बायोमीट्रिक हाजिरी में छूट दी जाएगी।