Mahakumbh Mela 2025 : महाकुंभ सनातन का पर्व माना जाता है. इसलिए इस दौरान श्रद्धालु अपने गुरुओं के सानिध्य में तरह तरह के दान-पुण्य और कर्मकांड करते हैं महाकुंभ मेला का आगाज 13 जनवरी से होने जा रहा है। आगरा से कुंभनगरी आए एक दंपती ने अपनी 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े को दान कर दिया। बेटी राखी सिंह चाहती थी कि वह साध्वी बने। वह आगरा के स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा है। उसके पिता संदीप सिंह पेठा कारोबारी हैं जबकि मां गृहणी हैं। राखी की एक बहन निक्की भी है। परिवार ने जूना अखाड़े को अपनी बेटी दान करके नया अध्याय लिखा है।
गंगा स्नान के बाद जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राखी सिंह को शिविर प्रवेश कराया। उसका नया नाम गौरी रखा गया है। गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को किया जाएगा। सभी धार्मिक संस्कारों के बाद गौरी गुरु परिवार का हिस्सा हो जाएगी। पिता संदीप सिंह ने बताया कि वह संत कौशल गिरि से चार सालों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने उनके मोहल्ले में भागवत कथा कराई थी। उसी समय से उनके मन में भक्ति की इच्छा जगी।
KumbhMela2025 : अध्यात्म की शिक्षा दिलवाएगा अखाड़ा
बीते 26 दिसंबर को परिवार अपनी दोनों बेटियों के साथ प्रयागराज आया। राखी ने साध्वी बनने की इच्छा जताई थी, इसलिए उसे जूना अखाड़ा को दान कर दिया गया। जूना अखाड़ा के महंत कौशल गिरि ने बताया कि संदीप सिंह और उनकी पत्नी कई सालों से उनसे जुड़े हैं। उन्होंने बगैर किसी दबाव अपनी बड़ी बेटी को साध्वी बनाने की इच्छा जताई है। बेटी अगर आगे और पढ़ना चाहेगी तो उसे अध्यात्म की शिक्षा दिलवाई जाएगी।