Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन दिनों स्विट्जरलैंड में हैं. इधर सीएम से डिप्टी सीएम बने एकनाथ शिंदे अपने गांव चले आए हैं. इन दोनों नेताओं की ये दूरी सिर्फ भौगोलिक ही नहीं, बल्कि सियासी भी हो गई है. बताया जा रहा है कि शिंदे इन दिनों नाराज चल रहे हैं.
सरकार बनने के बाद महायुति में लगातार नाराजगी देखने को मिल रही है. कभी मंत्री पद को लेकर तो कभी विभागों को लेकर. (Maharashtra Politics) अब दो जिलों के गार्जियन मिनिस्टर को लेकर विवाद महायुति में विवाद चल रहा है. शिंदे की शिवसेना गार्जियन मिनिस्टर की नियुक्ति पर नाराज चल रही है. गार्जियन मिनिस्टर यानी वो मंत्री जो किसी विशेष जिले के विकास की देखरेख के लिए नियुक्त किए जाते हैं.
Maharashtra Politics: क्या है शिंदे की नाराजगी की वजह?
महायुति सरकार में रायगढ़ और नासिक जिले में गार्जियन मिनिस्टर की नियुक्ति हुई, जिसमें बीजेपी के कोटे से गिरीश महाजन को नासिक की जिम्मेदारी मिली और NCP के कोटे से पार्टी अध्यक्ष सुनील तटकरे की बेटी और मंत्री आदिति तटकरे को रायगढ़ जिले का प्रभार मिला. इन दोनों जिलों के प्रभारी के लिए शिवसेना ने सरकार से डिमांड की थी. जब बात नहीं मानी गई तो एकनाथ शिंदे नाराज हो गए और एक बार फिर अपने गांव चले गए.

दोनों गार्जियन मिनिस्टर की नियुक्ति पर फिलहाल होल्ड
हालांकि बीजेपी उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए बीजेपी से गिरीश महाजन और चंद्रकात बावनकुले को लगाया गया है. (Maharashtra Politics) शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए फिलहाल दोनों जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति होल्ड कर दी गई है.
संजय राउत ने महायुति पर कसा तंज
चर्चा ये भी है कि शिवसेना को मनाने में जुटी बीजेपी से अब एनसीपी के नेता भी नाराज हो गए हैं. (Maharashtra Politics) जहां महायुति के नेता दूरियों को मिटाने की बात कर रहे हैं, वहीं नाराजगी की खबरों ने विपक्ष को सरकार पर तंज कसने का मौका दे दिया है. शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने महायुति पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार के पास इतना बहुमत है, फिर भी ठीक से चल नहीं पा रही है.

विदेश दौरे पर हैं सीएम फडणवीस
एकनाथ शिंदे की नाराजगी भी तभी सामने आई है, जब फडणवीस 20 से 24 जनवरी तक देश से बाहर हैं. (Maharashtra Politics) उम्मीद यही है कि उनके आने के बाद शिंदे की नाराजगी पर बात होगी, लेकिन तब तक महाराष्ट्र की सियासत में नाराज शिंदे एक अहम किरदार बने रहेंगे.