Mahua Moitra: सांसदी के बाद महुआ से छिनेगा सरकारी बंगलाः केंद्र ने थमाया नोटिस- फौरन खाली करें नहीं तो जबरन निकाला जाएगा

Mahua Moitra: भोपाल की सांसद महुआ मोइत्रा को उनके सांसदी पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस थमा दिया है। नोटिस में कहा गया है कि मोइत्रा को 30 जनवरी तक बंगला खाली करना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें जबरन बाहर निकाला जाएगा।

मोइत्रा ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भोपाल से जीत हासिल की थी। लेकिन इस साल हुए विधानसभा चुनाव में वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से हार गईं। (Mahua Moitra) मोइत्रा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार से हार का सामना किया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मोइत्रा को सांसद के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकारी बंगला खाली करना होगा। (Mahua Moitra) उन्होंने कहा कि मोइत्रा को नोटिस भेजा गया है और उन्हें 30 जनवरी तक बंगला खाली करना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें जबरन बाहर निकाला जाएगा।

मोइत्रा ने इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस नोटिस को चुनौती देंगी। उन्होंने कहा कि वह सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले का उपयोग कानून के अनुसार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जबरन बंगला खाली करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

मोइत्रा एक विवादास्पद नेता हैं। उन्होंने कई बार सरकार की आलोचना की है। उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि काली देवी मांस और शराब का सेवन करती हैं। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।

Mahua Moitra: ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में दोषी पाई गई थीं महुआ

केंद्र सरकार की तरफ से बंगला खाली करने का नोटिस तब जारी किया गया है, जब एक महीने पहले महुआ की सांसदी चली गई थी. संसदीय पैनल ने पाया था कि महुआ ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में दोषी हैं. महुआ मोइत्रा को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ अपना पार्लियमेंट्री लॉगिन-आईडी पासवर्ड शेयर करने का दोषी पाया गया था. (Mahua Moitra) पैनल ने पाया कि महुआ को लॉगिन-आईडी पासवर्ड शेयर करने के बदले महंगे गिफ्ट्स और कैश मिले थे. 

बंगला खाली नहीं करने को लेकर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

इसस पहले, सरकारी बंगला खाली नहीं करने को लेकर महुआ दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंची थीं. हाईकोर्ट ने महुआ से कहा था कि वह संपदा निदेशालय से अनुरोध करें कि उन्हें अभी बंगले में रहने दिया जाए. अदालत ने कहा था कि अधिकारियों को असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्कों के भुगतान के आधार पर किसी व्यक्ति को छह महीने तक रहने की इजाजत देते हैं. अदालत ने महुआ को अपनी याचिका वापस लेकर संपदा निदेशालय के पास जाने को कहा था. 

Exit mobile version