Mamata Banerjee: वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में भड़की हिंसा को लेकर इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। मुर्शिदाबाद समेत कुछ जिलों में भड़की हिंसा ने भाजपा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने का बड़ा हथियार दे दिया है। भाजपा ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी को घेरते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। (Mamata Banerjee) पार्टी का कहना है कि राज्य की सरकार और पुलिस लोगों को सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है और इसलिए ममता को सत्ता में रहने का हक नहीं है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस मुद्दे को लेकर खुलकर बैटिंग करती हुई दिख रही हैं। ममता बनर्जी ने बुधवार को इमाम सम्मेलन बुलाकर अपने मुस्लिम वोट बैंक के समीकरण को और मजबूत बनाने का प्रयास किया। इस सम्मेलन के दौरान ममता ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तो तीखा हमला बोल मगर हिंसा की घटनाओं में जान गंवाने वालों और हिंसा के कारण पलायन करने वालों पर एक भी शब्द नहीं बोला। मुस्लिम वोट बैंक को साधे रखने की ममता की यह रणनीति उनके लिए संकट बनती हुई दिख रही है।

Mamata Banerjee: हिंसा भड़काने वालों पर ममता का नरम रवैया
इमाम सम्मेलन के दौरान ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में ध्रुवीकरण करना चाहती है। इसके जरिए वह राज्य में अपनी सरकार बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके बाद उन्होंने मुसलमानों को भड़काने वाले अंदाज में कहा कि जब वह आएंगे तो आपका खाना भी बंद कर देंगे। दिल्ली के बंगाली इलाकों में उन्होंने मछली और मांस पहले ही बंद कर दिया है।
ममता के संबोधन में हैरानी की बात यह रही कि उन्होंने मुर्शिदाबाद और बंगाल के अन्य इलाकों में हिंसा भड़काने वालों को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने तक की बात भी नहीं कही। (Mamata Banerjee) जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी मुसलमानों का रहनुमा बनने के लिए कुछ भी करने को तैयार दिख रही हैं। बंगाल की हिंसा को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार भाजपा और यहां तक बीएसएफ को भी कठघरे में खड़ा कर दिया।
मुस्लिम वोट बैंक का मोह अनायास नहीं
दरअसल ममता बनर्जी के भीतर मुस्लिम वोट बैंक का मोह अनायास नहीं है। (Mamata Banerjee) उन्हें लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव में जीत दिलाने में इस वोट बैंक की बड़ी भूमिका रही है। (Mamata Banerjee) वक्फ कानून के खिलाफ जिन इलाकों में हिंसा हुई है,वहां पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली थी।
मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर, बीरभूम और नदिया आदि जिलों में मुस्लिम आबादी प्रभावी भूमिका में है और इन सभी जिलों में पिछले चुनाव में ममता को बड़ी कामयाबी मिली थी।

2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी को मुर्शिदाबाद की 22 में से 20 सीटों पर जीत मिली थी। मालदा की 12 में से 8 और उत्तरी दिनाजपुर की नौ में से 7 सीटों पर टीएमसी उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी। दक्षिण 24 परगना में टीएमसी ने भांगर को छोड़कर सभी विधानसभा सीटों पर बाजी मार ली थी। ममता की पार्टी को इस जीत को दिलाने में मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका सबसे अहम मानी गई थी।
जवाब में भाजपा का हिंदुत्व कार्ड
पश्चिम बंगाल में अब अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसलिए ममता मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। दूसरी और भाजपा ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए अपनी रणनीति को और आक्रामक बना लिया है। रामनवमी पर भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने पूरे बंगाल में शक्ति प्रदर्शन किया था। (Mamata Banerjee) बंगाल में दो हजार से अधिक शोभायात्राएं निकाली गई थीं और इनमें हिंदुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
सियासी जानकारों का मानना है कि ममता सियासत की माहिर खिलाड़ी हैं और वे वक्फ कानून का विरोध करके मुसलमानों को अपने साथ जोड़े रखने की रणनीति पर चल रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को न लागू करने का ऐलान पहले ही कर रखा है। वैसे ममता की यह रणनीति उनके लिए संकट पैदा करती हुई भी दिख रही है।
भाजपा की ओर से हिंदू मतों की गोलबंदी के लिए प्रयास किया जा रहा है और इसलिए माना जा रहा है कि मुस्लिमों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति ममता के लिए बड़ा खतरा भी बन सकती है। ममता के इस रवैए के कारण भाजपा के लिए हिंदू वोट बैंक को और मजबूत बनाना आसान साबित हो रहा है।
इमाम सम्मेलन को लेकर घिर गईं ममता
ममता के खिलाफ भाजपा नेताओं ने आक्रामक तेवर अपना रखा है। ममता बनर्जी के इमाम सम्मेलन को लेकर भी भाजपा ने तीखा हमला बोला है। भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी स्पष्ट रूप से हिल गई हैं। (Mamata Banerjee) जब उन्हें कोने में धकेला जाता है तो वे सरासर झूठ का सहारा लेने लगती हैं। इमाम सम्मेलन के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और बीएसएफ को तो घसीटा मगर अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का बचाव किया।
मालवीय का कहना है कि ममता बनर्जी ‘बदला नहीं,बदलाव चाहिए’ के नारे के साथ बंगाल की सत्ता में आई थीं मगर अब वे हिंदुओं से बदला ले रहे हैं। (Mamata Banerjee) उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार तुष्टीकरण की राजनीति में पश्चिम बंगाल कब तक जलता रहेगा?
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार का आरोप है कि ममता बनर्जी ने प्रदेश को अलकायदा की जमीन बना दिया है। (Mamata Banerjee) भाजपा के अन्य नेता भी ममता को घेरने में जुटे हुए हैं और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग लगातार तेज होती जा रही है।