MANGALSUTRA: जिस ‘मंगलसूत्र’ पर चुनाव में हो रही ‘महाभारत’, आखिर उस पर क्या कहते हैं शास्त्र ?

MANGALSUTRA: हिंदू धर्म में मंगलसूत्र एक पवित्र और अटूट श्रृंगार के रूप में धारण किया जाता है.मंगलसूत्र पतिव्रत स्त्री का प्रतीक है. यह मंगलसूत्र विवाह संस्कार के समय कन्या के गले में पहनाया जाता है.

परिणय वेला के दौरान हर सुहागिन को इस धारण करने की इच्छा रहती है. क्योंकि इसके बिना संपूर्ण विवाह की रस्म अधूरी मानी जाती है.

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MANGALSUTRA

मंगलसूत्र को जिस समय स्त्री अपने गले में धारण करती है, उसे संपूर्ण स्त्री की प्रथम अनुभूति होती है. मंगलसूत्र वैवाहिक बंधन के सकुशल संपन्न होने का तो प्रतीक है ही, ये इस बंधन को जन्मों तक निभाने की कसम भी है.

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मंगलसूत्र, परंपरा और आस्था से जुड़ा एक ऐसा आभूषण है जो वैवाहिक जीवन की सफलता को मजबूती प्रदान करता है. इसलिए मंगलसूत्र से स्त्री का भावनात्मक रिश्ता भी होता है, क्योंकि इसमें उसे अपने सुखद वैवाहिक जीवन का प्रतिबिम्ब दिखाई देता है.

मंगलसूत्र की तो मंगलसूत्र को विवाह का प्रतीक चिन्ह और सुहाग की निशानी माना जाती हैं. (MANGALSUTRA) इसलिए विवाह के बाद सुहागन स्त्रियां इसे स्नेह से गले में पहना करती हैं. महिलाएं इसे अपने से अलग तभी करती हैं जब पति इस दुनिया में न हो.

मंगलसूत्र धारण करने का यह नियम समाज में परंपरागत तौर पर सदियों से चला आ रहा हैं. लेकिन इसका उल्लेख कई शास्त्रों में भी मिलता हैं. चालिए शस्त्रों पर दृष्टि डालते हैं-

स्कंद पुराण (वैष्णवखण्ड-भूमिवाराहरण्ड अध्याय क्रमांक 8–13) अनुसार, “ब्रह्माजी ने अंकुरारोपणपूर्वक मांगल्य-सूत्र-बन्धन (कंकण-बन्धन) से लेकर लाजाहोम तक की सम्पूर्ण वैवाहिक विधि सम्पन्न कराया” (भगवान और पद्मावती का विवाह संस्कार ब्रह्मा जी ने कराया था).

MANGALSUTRA: मंगलसूत्र के बारे में और भी कई उल्लेख शास्त्रों में मिलते हैं.

मंगलसूत्र वास्तव में पुरातन काल में दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित था. तमिलनाडु में इसे ‘थाली’ कहते हैं जहां पीले धागे में नीचे एक थालीनुमा पेंडेंट लगा रहता है.

कहीं इसमें लाल मूंगा या कोरल या पोला गुंथे होते हैं. (MANGALSUTRA) महाराष्ट्र में काली और सोने की मोतियों से बने मंगलसूत्र पहने जाते हैं. महिलाओं द्वारा मंगलसूत्र को शरीर में धारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.

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साथ ही गुरु ग्रह (ज्योतिषशास्त्र) के प्रभाव को मजबूत करता है, जो वैवाहिक जीवन में आनंद लाता है. यह माना जाता है कि इसके पहनने से रक्तचाप अच्छा रहता है और महिलाओं को चिंता, तनाव से दूर रखा जा सकता है.

मंगल सूत्र कई जगहों पर पीले धागे से बनता है. मंगलसूत्र में पीले रंग का होना भी आवश्यक है. पीले धागे में काले रंग के मोती पिरोए जाते हैं.

जन श्रुति में कहा जाता है कि काला रंग शनि देवता का प्रतीक होता है,ऐसे में काले मोती महिलाओं और उनके सुहाग को बुरी नजर से बचाते हैं. पीला रंग बृहस्पति ग्रह का प्रतीक होता है जो शादी को सफल बनाने में मदद करता है.

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