National Games: उत्तराखंड में होंगे फुटबाल के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट,  खिलाड़ी रच रहे इतिहास

National Games: 38वें राष्ट्रीय खेलों में एक ओर उत्तराखंड के खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से इतिहास रच रहे हैं। इसके लिए प्रदेश में तैयार हुई अवस्थापना से देवभूमि में खेलों की नई संभावना बन रही है। यही वजह है कि आने वाले समय में ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन (एआईएफएफ) हल्द्वानी के गौलापार में बने फुटबाल मैदान में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट कराने की तैयारी कर रहा है।

यह बात दून पहुंचे एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कही। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, उत्तराखंड में बना फुटबाल के मैदान अंतरराष्ट्रीय स्तरों के मानकों को ध्यान में रख तैयार किया गया है। इसका फायदा प्रदेश के साथ देश के खिलाड़ियों को मिले इसके लिए जल्द बड़े टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा।

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इस संबंध में एआईएफएफ के पदाधिकारियों व अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, फुटबाल विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल होने के साथ सबसे अधिक खेला जाने वाला खेल है। उत्तराखंड फुटबाल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा, उत्तराखंड फुटबाल के क्षेत्र में उभरता राज्य है। एआईएफएफ के सहयोग से प्रदेश में फुटबाल का भविष्य तो संवरेगा ही, साथ ही खिलाड़ियों को मौका भी मिलेगा।

National Games: फुटबाल खेलने वाला देश है भारत

कल्याण चौबे ने कहा, भारत को क्रिकेट देखने वाला देश माना जाता है। लेकिन, सच्चाई यह है कि भारत फुटबाल खेलने वाला देश है। कम से कम संसाधनों के साथ गली-चौराहों, गांव, स्कूल और विश्वविद्यालय के मैदान से लेकर स्टेडियम तक फुटबाल खेला जाता है। यही वजह है कि उत्तराखंड ने इसका पूरी तरह से लाभ उठाया और राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग कर न सिर्फ नया कीर्तिमान रचा बल्कि प्रदेश को देश के उन राज्यों में शामिल किया, जहां सबसे अधिक फुटबाल खेली जाती है। उत्तराखंड से आने वाले दिनों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकलेंगे।

कल्याण चौबे ने कहा, फुटबाल के खिताबी मुकाबले में आई दर्शकों की भीड़ देख साफ अंदाजा लगाया जा रहा था कि उत्तराखंड का हर एक बच्चा खेल के मैदान में अपने हीरो को देख ऐसे हर हीरो बनना चाहता है। प्रदेश सरकार ने शानदार स्टेडियम तैयार किया है। अब जरूरत है तो इसको संभालकर रखने की ताकि प्रदेश के साथ देश के हर बच्चे के लिए इस मैदान का प्रयोग किया जा सके। बालकों के साथ बालिकाओं के लिए भी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाए।

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