Politics News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर के भोजनालय में पीतल के परात में भरे जल में नौ नन्ही बालिकाओं के बारी-बारी पांव धोये। इस दौरान उन्होंने बालिकाओं को आशीर्वाद भी दिया।मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के भोजनालय में पीतल के परात में भरे जल में नौ नन्ही बालिकाओं के बारी-बारी पांव धोये।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भोजनालय में भोजन करने के बाद नन्ही बालिकाओं को बुलाया और उनके पांव धोये। उन्होंने बालिकाओं को कहा कि आप सभी भगवान की प्रतिमूर्ति हैं। आप सभी के पांव धोने से मुझे बहुत खुशी हुई है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मातृ शक्ति के प्रति अगाध श्रद्धा व सम्मान गोरक्षपीठ की परंपरा है। मैं भी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहा हूं। मैं हमेशा से ही महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कार्य करता रहा हूं।
बालिकाओं के अभिभावकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने बालिकाओं के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान का परिचय दिया है। यह एक बहुत ही सराहनीय पहल है।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान का प्रदर्शन किया है। Politics News: उन्होंने महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
Politics News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल की सराहना
बालिकाओं के अभिभावकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने बालिकाओं के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान का परिचय दिया है। यह एक बहुत ही सराहनीय पहल है।
एक अभिभावक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इस कार्य से बालिकाओं को बहुत ही अच्छा लगा है। इससे उन्हें यह एहसास हुआ है कि समाज में उन्हें सम्मान दिया जाता है।
एक अन्य अभिभावक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने बालिकाओं के प्रति एक बहुत ही अच्छी पहल की है। इससे अन्य लोग भी बालिकाओं के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बालिकाओं को यह एहसास दिलाता है कि समाज में उन्हें सम्मान दिया जाता है। इससे बालिकाओं में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ता है।
इसके अलावा, यह पहल समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में भी मददगार है। यह लोगों को यह एहसास दिलाता है कि बालिकाएं भी पुरुषों के समान हैं और उन्हें समान अधिकार और सम्मान दिया जाना चाहिए।