Rahul Gandhi meet Kharge: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में विपक्षी महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जारी गहरे गतिरोध के बीच, कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में बड़ी हलचल तेज़ कर दी है। युवा नेता राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक में कांग्रेस संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी नेतृत्व अब इस जटिल मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहता है। (Rahul Gandhi meet Kharge) महागठबंधन में मुख्य रूप से आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बीच ‘बड़े भाई’ और ‘छोटे भाई’ की भूमिका को लेकर तनाव चल रहा है। दोनों दलों के बीच सीटों की संख्या और महत्वपूर्ण सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है, जिससे उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
Rahul Gandhi meet Kharge: कांग्रेस की नाराज़गी: सहयोगी दलों से तालमेल का अभाव
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी और खड़गे की यह मुलाकात महागठबंधन में सीटों के उचित वितरण और सम्मानजनक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने पर केंद्रित थी। कांग्रेस के नेताओं की शिकायत है कि आरजेडी अपने प्रभाव वाली सीटों को छोड़ने को तैयार नहीं है, जबकि कांग्रेस उन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जहाँ उसका मज़बूत जनाधार है। (Rahul Gandhi meet Kharge) इस गतिरोध के कारण, कांग्रेस ने आधिकारिक सूची जारी होने से पहले ही अपने कुछ उम्मीदवारों को नामांकन पत्र सौंप दिए थे, जिससे सहयोगी दलों के बीच और ज़्यादा बेचैनी बढ़ गई थी। नेताओं का मानना है कि यदि जल्द ही इस गतिरोध को नहीं तोड़ा गया, तो इसका सीधा फायदा एनडीए (NDA) गठबंधन को मिलेगा, जिसने पहले ही अपनी सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुनावी अभियान शुरू कर दिया है।
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वेणुगोपाल की मौजूदगी: राष्ट्रीय नेतृत्व की दखल
संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की इस अहम बैठक में मौजूदगी यह दर्शाती है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व अब इस क्षेत्रीय गतिरोध को तोड़ने के लिए सीधे तौर पर दखल दे रहा है। (Rahul Gandhi meet Kharge) माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से बात कर एक ऐसा अंतिम फॉर्मूला निकालने की कोशिश करेंगे, जो सभी सहयोगी दलों को स्वीकार्य हो। चूँकि पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि नज़दीक है, ऐसे में कांग्रेस पर दबाव है कि वह जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे। यह बैठक अब यह तय करेगी कि बिहार में कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा, या फिर आपसी खींचतान के कारण बिखर जाएगा।








