Rajasthan Hijab Controversy: राजस्थान में हिजाब पर घमासान, बीजेपी विधायक के समर्थन में उतरे सरकार के दिग्गज मंत्री

Rajasthan Hijab Controversy: राजस्थान में हिजाब पर घमासान, बीजेपी विधायक के समर्थन में उतरे सरकार के दिग्गज मंत्री

Rajasthan Hijab Controversy: राजस्थान में हिजाब पर घमासान, बीजेपी विधायक के समर्थन में उतरे सरकार के दिग्गज मंत्री

Rajasthan Hijab Controversy: कर्नाटक की तरह इन दिनों भारतीय जनता पार्टी शासित राजस्थान में हिजाब (Rajasthan Hijab Controversy) को लेकर घमासान मचा हुआ है। सरकारी स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनकर जाने को लेकर विवाद हो गया है। अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी विधायक बालमुकंद आचार्य ने जब इस पर सवाल खड़े किए तो मुस्लिम लड़कियों राजधानी जयपुर में सड़कों पर उतर आईं और आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगीं। अब बीजेपी विधायक के समर्थन में भजनलाल सरकार के दिग्गज मंत्री मैदान में उतर आए हैं।

राजस्थान बीजेपी के कद्दावर नेता और कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने तो इसका मुखर होकर समर्थन किया है। उनके बाद अब राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने विभाग से इस पर रिपोर्ट मांग ली है। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से आज यानी मंगलवार दोपहर तक रिपोर्ट मांगी है कि किन – किन राज्यों के स्कूलों में हिजाब को बैन किया गया है।

Rajasthan Hijab Controversy: कहां से शुरू हुआ मामला ?

दरअसल, जयपुर के मुस्लिम बाहुल्य हवामहल सीट से पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बने बालमुकंद आचार्य अपने क्षेत्र के एक स्कूल के एनुअल फंक्शन में पहुंचे थे। यहां उन्होंने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में देखकर स्कूल प्रबंधन के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। छात्राओं का आरोप है कि उन्होंने उनसे जबरदस्ती धार्मिक नारे भी लगवाए।

सोमवार को मुस्लिम छात्राओं ने जयपुर के सुभाष चौक पर प्रदर्शन किया और थाने का घेराव कर बीजेपी विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस के वरीय अधिकारियों ने छात्राओं को समझाइश दी लेकिन इसके बावजूद वो मानने को तैयार नहीं हुए। पुलिस प्रशासन ने मामले में दो दिन के अंदर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, इसके बाद जाकर प्रदर्शन खत्म किया। छात्राओं ने बीजेपी विधायक से माफी की मांग भी की है।

उधर, मामला तूल पकड़ने के बाद खुद को बवाली बाबा बताने वाले हवामहल विधायक बालमुकंद आचार्य ने सफाई देते हुए कहा कि सरकारी कार्यक्रम में मुझे स्कूली बच्चे दो यूनिफॉर्म में नजर आ रहे थे। पूछने पर महिला प्रिंसिपल ने बताया कि मुस्लिम छात्राएं अपने धर्म के हिसाब से ड्रेस पहनकर आती हैं। इस पर मैंने कहा कि अगर हिंदू छात्राएं भी अपने हिसाब से ड्रेस पहनकर आएं, तो कैसा लगेगा ? अगर स्कूल में ही अनुशासन नहीं रहेगा तो क्या मतलब ? उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे बयान को कुछ लोग गलत तरीके से पेश कर राजनीति कर रहे हैं।

हिजाब को लेकर बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य को पार्टी और सरकार से समर्थन मिलने लगा है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने उनके तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि सभी स्कूलों में समान ड्रेस होनी चाहिए। कई मुस्लिम देशों में भी हिजाब प्रतिबंधित है। हिजाब और बुर्का मुगल आक्रांताओं के साथ भारत आया था। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में सीएम भजनलाल से भी बात करेंगे।

बता दें कि इससे पहले साल 2022 में जब कर्नाटक में भाजपा की सरकार थी, तब हिजाब को लेकर भारी बवाल हुआ था। मामला कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने भी शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने की जिद को सही नहीं माना था। बीते साल विधानसभा चुनाव जीतकर आई कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के इस फैसले को रद्द करने की बात कही थी। हालांकि, पिछले दिनों सियासी बवाल होने पर कांग्रेस सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा था।

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