Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह सीएम पद छोड़ना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह अभी पद छोड़ने वाले नहीं हैं और न ही आगे पद छोड़ेंगे।गहलोत के इस बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है। उनके विरोधियों का कहना है कि यह एक रणनीति है। हालांकि, गहलोत ने कहा कि वह सीएम पद छोड़ने के लिए शीर्ष नेतृत्व से बात करेंगे।
Rajasthan News: गहलोत के बयान के पीछे की रणनीति
गहलोत के बयान के पीछे की रणनीति को समझने के लिए उनके इस बयान को ध्यान से सुनना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब भी कोई सीएम पद का उम्मीदवार बनता है तो वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाता है। सीएम वही बनता है जिसे शीर्ष नेतृत्व चाहता है।गहलोत के इस बयान का मतलब है कि वह शीर्ष नेतृत्व के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। अगर शीर्ष नेतृत्व उन्हें सीएम पद से हटाता है तो वह इसका विरोध नहीं करेंगे। इस बयान से गहलोत अपने विरोधियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह सीएम पद के लिए लालची नहीं हैं। वह शीर्ष नेतृत्व के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं।
टिकट बंटवारे पर भी गहलोत ने दिया बयान
गहलोत ने टिकट बंटवारे पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। ये तो चुनाव के वक्त होता ही है।
गहलोत ने यह भी कहा कि प्रत्याशियों को उनके काम के आधार पर टिकट दिया जा रहा है। यह भी शीर्ष नेतृत्व तय कर रहा है। एंटीइंकमबेंसी को लेकर गहलोत ने कहा कि हमारे किसी भी एमएलए को लेकर एंटी इंकमबेंसी का माहौल नहीं है। सभी विधायक दोबार जीत का परचम लहराएंगे। गहलोत के बयान से चुनाव में कोई फर्क पड़ने की संभावना कम है। हालांकि, यह बयान उनके विरोधियों को परेशान जरूर कर सकता है।