Rajnath Singh: पूरे देश में आज विजयादशमी का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस दिन पूजा में अस्त्र-शस्त्रों को सामने रखकर पूजा करने की परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आ रही है. आज भी हमारी सेना इस परंपरा को निभाती है. इसी उपलक्ष्य में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा की.
इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अगर भारत के हितों पर बात आती है तो हम कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे. (Rajnath Singh) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दार्जिलिंग में सुकना कैंट में सेना के जवानों के साथ विजयादशमी मना रहे हैं.

Rajnath Singh: ‘यह हमारी विशाल सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं आप सभी को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. (Rajnath Singh) भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां शास्त्रों और शस्त्रों दोनों की पूजा की जाती है. ऐसा लग सकता है कि लोहे और लकड़ी से बनी चीजों की पूजा करने का क्या औचित्य है? लेकिन वास्तव में, यह हमारी विशाल सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है जिसमें हम किसी भी वस्तु का उपयोग करने से पहले और बाद में उसके प्रति आभार व्यक्त करते हैं.”
इस दौरान उन्होंने कहा कि विजयादशमी के दिन भगवान राम को मिली जीत सिर्फ उनकी नहीं थी बल्कि यह मानवता को मिली जीत थी. रावण विद्वान होने के बाद भी बुराइयों का प्रतीक था. भगवान राम की रावण से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी. (Rajnath Singh) उन्होंने रावण का वध इसलिए किया क्योंकि मानवता के लिए वो जरूरी था.

बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे
रक्षामंत्री ने कहा, “हमने कभी किसी देश के साथ युद्ध नहीं किया है. हमने तब युद्ध किया है जब उसने मानव मूल्यों के खिलाफ जंग छेड़ी है. हमें हमारे हितों पर आंच दिखी तो हम कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे.” उन्होंने आगे कहा, ‘पड़ोसियों की किसी भी हरकत से इनकार नहीं किया जा सकता. वैश्विक हालात चाहे कुछ भी हों, हमें हमेशा तैयार रहना है.”