Ramji Lal Suman News: आगरा में अंबेडकर जयंती पर सपा कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने करणी सेना को चेतावनी दी। इसके बाद एक बार फिर रामजी लाल सुमन चर्चा में आ गए हैं। आइये बताते हैं कि उन्होंने करणी सेना से क्या कहा?
Ramji Lal Suman News: रामजी लाल सुमन ने फिर दिया विवादित बयान
रामजी लाल सुमन ने करणी सेना को चेतावनी देते हुए कहा कि 19 अप्रैल को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आगरा आ रहे हैं, और वह कहना चाहते हैं कि मैदान तैयार है दो-दो हाथ होंगे। (Ramji Lal Suman News) उन्होंने आगे कहा, तुम अगर कहोगे कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर है, तो हमें भी कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीचे एक बौद्ध मठ है। गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, वरना आपको ही भारी पड़ेगा।

‘हम 3 सेना के बारे में सुने थे, चौथी कहां से आ गई’
रामजी लाल सुमन ने आगे कहा कि उन्होंने तो 3 सेनाओं के बारे में सुना था। वायु सेना, थल सेना और जल सेना, लेकिन चौथी सेना कहां से आ गई। मैं कहना चाहूंगा कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। (Ramji Lal Suman News) अरुणाचल प्रदेश को चीन अपने हिस्से में दिखाता है। करणी सेना के ये रणबांकुरे को भारत की सरहद पर जाना चाहिए। उन्हें हमें चीन से बचाना चाहिए। क्षत्रियों का धर्म तो गरीब की मदद करना है।

देश के मुसलमानों ने हमेशा साबित की अपनी देशभक्ति
रामजीलाल सुमन ने आगे सवाल किया कि तुम लोग कहते हो कि मुसलमानों में बाबर का DNA है तो तुममें किसका है? इसका जवाब है? आप लोग कहते है हिंदुस्तान के मुसलमान बाबर को अपना आदर्श मानते हैं, लेकिन वह मोहम्मद साहब और सूफी संतों को अपना आदर्श मानते हैं। (Ramji Lal Suman News) जब-जब इस देश पर मुसीबत आई है तब-तब हिंदुस्तान के मुसलमानों ने साबित किया है कि देश की मिट्टी से जितनी मोहब्बत हिंदू करते हैं, उतनी ही मुसलमान भी करते हैं।
कैसे शुरू हुआ था रामजी लाल सुमन को लेकर विवाद?
दरअसल, सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में एक विवादित बयान दिया था, जिससे करणी सेना का खून खौल गया। उन्होंने कहा था, ‘बीजेपी वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का DNA है, लेकिन मैं पूछता हूं कि फिर हिंदुओं में किसका है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लेकर आए थे। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम ‘गद्दार राणा सांगा’ की औलाद हो। बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की नहीं करते।’