SDM Jyoti Maurya: SDM ज्योति मौर्या के खिलाफ किए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पूरी हो गई है, और इस जांच में कोई भ्रष्टाचार के सबूत नहीं मिले हैं। यह विवाद ज्योति मौर्या के पति द्वारा उनके खिलाफ लिए गए आरोपों के बाद चर्चा में आया था। आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी, PCS अधिकारी ज्योति मौर्या के खिलाफ करप्शन के गंभीर आरोप लगाए थे, और उन्होंने कहा कि ज्योति ने अपने PCS पद में रहते हुए धन के लेन-देन का हिस्सा बनाया है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है।
SDM Jyoti Maurya: नहीं मिले भ्रष्टाचार के सुबूत
इस मामले की जांच के लिए प्रयागराज कमिश्नर विजय विश्वास पंत के आदेश पर एक जांच टीम गठित की गई थी, जिन्होंने खिलाफी आरोपों की परीक्षण किया। इस जांच के दौरान, आलोक मौर्य ने अपनी आपसी सहमति से अपनी पत्नी के खिलाफ किए गए आरोपों को वापस ले लिया। रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया है कि PCS अधिकारी ज्योति मौर्या के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत नहीं मिले हैं, और उनके पति ने भी शिकायत वापस ले ली है। इसके परिणामस्वरूप, यह जांच प्रक्रिया को जल्द ही बंद किया जा सकता है।
SDM ज्योति मौर्या अपने सफल सेवा कर्मी के रूप में प्रमुख हैं, और उनका यह मामला समाज में बड़े ध्यान के साथ देखा जा रहा है। इस घटना से साफ होता है कि किसी के खिलाफ आरोप लगाने से पहले, सबसे पहले सच्चाई की जांच करना महत्वपूर्ण है।
SDM Jyoti Maurya: पूरा मामला
SDM ज्योति मौर्या की शादी साल 2010 में वाराणसी की बहुविवाह परंपरा के अनुसार उनके पति आलोक मौर्य से हुई थी। उनके बाद 2015 में उनके दो जुड़वा बेटियां भी हुईं, जो उनके जीवन की खुशियों के प्रतीक थीं। ज्योति मौर्या, एक PCS अधिकारी के रूप में, ने अपनी पढ़ाई को समय पर पूरा किया और 2016 में PCS परीक्षा को सफलता प्राप्त की। हालांकि, उनके PCS पद की प्राप्ति के बाद, उनके पति आलोक मौर्य ने उनके खिलाफ कई आरोप लगाए, जिनमें शासन में भ्रष्टाचार के आरोप भी थे। आलोक मौर्य ने यह दावा किया कि उनकी पत्नी, ज्योति, ने अपने PCS पद में रहते हुए धन के लेन-देन का हिस्सा बनाया था, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। वे भी यह दावा करते थे कि उनकी पत्नी का व्यवहार सरकारी नौकरी प्राप्त करने के बाद बदल गया था। उन्होंने ज्योति के ससुराल पर दहेज प्रताड़ना का भी आरोप लगाया था। यह मामला समाज में चर्चा का विषय बन गया है और इसने दिखाया कि इस्तीफे की जाने-माने परंपराओं के बावजूद, आज के समय में सत्य की जांच और न्याय की खोज महत्वपूर्ण है।