Suresh Gopi : अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने एक बयान देकर हलचल तेज कर दी है। केरल से भाजपा के एकमात्र लोकसभा सदस्य सुरेश मोदी सरकार में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और पर्यटन विभागों में राज्य मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाता है तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा कि फिल्में उनका पैशन हैं और वह एक्टिंग के बिना नहीं रह सकते हैं। यह पहली बार नहीं जब सुरेश गोपी का यह बयान आया है। इससे पहले जिस दिन उन्हें मंत्री बनाया गया था, उसके तुरंत बाद भी इस तरह की खबर आई थी कि वह मंत्री पद पर नहीं रहना चाहते हैं। सुरेश गोपी ने कहा, ‘अभिनय मेरा जुनून है और मैं फिल्मों के बिना नहीं रह सकता। अगर मुझे इसके कारण (राज्य मंत्री के पद से) हटा दिया जाता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी।’
Suresh Gopi : अमित शाह से हुई थी सुरेश गोपी की बात
गोपी बुधवार को यहां एक फिल्म निकाय की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मंत्री बनने से पहले मैंने अपने नेताओं से यह बात कही थी। मैं अमित शाह से मिला था और उन्होंने मुझसे पूछा था कि मेरे पास कितनी फिल्में हैं। मैंने उनसे कहा कि मेरे पास करीब 25 स्क्रिप्ट और 22 फिल्में हैं।’ गोपी ने कहा कि उन्हें अभिनय फिर से शुरू करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, एक बात मैं आपको बता सकता हूं, मैं 6 सितंबर को फिल्म ‘ओट्टाकोम्बन’ के लिए अभिनय शुरू करूंगा।’
Suresh Gopi : ‘त्रिशूर को नहीं दे पा रहा समय’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक मंत्री के रूप में इस जिम्मेदारी के साथ वह त्रिशूर में अपने मतदाताओं को वक्त नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाता है, तो मैं अभिनय कर सकता हूं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के साथ भी रह सकता हूं।’ अपने करियर में 250 से अधिक फिल्में करने वाले गोपी ने 80 के दशक के मध्य में करियर की शुरुआत की थी। उन्हें ‘मलयालम के एंग्री यंग मैन’ के रूप में जाना जाता है। गोपी का राजनीति से रिश्ता चार बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के के. करुणाकरण के साथ उनकी नज़दीकियों के बाद शुरू हुआ। हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
फिल्म मेरा जुनून है। अगर कोई फिल्म नहीं होगी, तो मैं मर जाऊंगा। मैंने ओट्टाकोम्बन फिल्म में अभिनय करने की अनुमति मांगी है। मुझे अभी तक अनुमति नहीं मिली है, लेकिन 6 सितंबर को मैं ओट्टाकोम्बन शुरू कर रहा हूं। सुरेश गोपी ने फिर कहा कि वह कभी भी मंत्री नहीं बनना चाहते थे और अब भी नहीं बनना चाहते।
उन्होंने कहा, ‘मैंने उनके (मोदी) मुझे मंत्री बनाने के निर्णय के आगे सिर झुकाया, क्योंकि उन्होंने कहा कि वे मुझे त्रिशूर के लोगों के लिए यह पद दे रहे हैं, जिन्होंने मुझे सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है, न कि मेरे लिए। मैंने उस निर्णय को स्वीकार कर लिया। मैं अभी भी अपने नेताओं का कहना मानता हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा। लेकिन अपने जुनून (सिनेमा) के बिना मैं मर जाऊंगा।’
Suresh Gopi : पहले भी जाहिर की थी मंत्री न रहने की इच्छा
यह पहली बार नहीं है जब अभिनेता से नेता बने गोपी ने इस तरह की आपत्ति जताई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के तुरंत बाद, गोपी ने तब मीडिया से कहा था, ‘मैं एक सांसद के रूप में काम करना चाहता हूं। मेरा रुख यह था कि मुझे कैबिनेट में जगह नहीं चाहिए। मैंने पार्टी को बता दिया था कि मुझे कैबिनेट में जगह नहीं चाहिए। मुझे लगता है कि मुझे जल्द ही पद से मुक्त कर दिया जाएगा। त्रिशूर के लोग अच्छी तरह जानते हैं। मैं एक सांसद के रूप में बहुत अच्छा प्रदर्शन करूंगा। मैं फिल्मों में अभिनय करना चाहता हूं। पार्टी को फैसला करने दें।’
Suresh Gopi : बयान से पलट गए थे सुरेश गोपी
हालांकि, अभिनेता से नेता बने गोपी ने कुछ हलकों से आलोचना का सामना करने के तुरंत बाद अपने बयान को वापस ले लिया और कहा, ‘मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में शामिल होना और केरल के लोगों का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है।’