उत्तर प्रदेश: कानपुर देहात के मैथा तहसील के अंतर्गत मड़ौली पंचायत में मां-बेटी की जिंदा जिलने से मौत हो गई. घटना के दौरान चालहा गांव में जमीन से कब्जा हटाने के लिए पुलिस गई थी. इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने कब्जेदार की झोपड़ी में आग लग गई और दोनों मां-बेटी जल गई. मामले ने अब तूल पकड़ा है. दोनों के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी को मौके पर बुलाने की मांग की है और साथ ही जिले की डीएम और जिला प्रशासन से नाराज परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी रखी है. पूरे मामले में अब प्रशासन बैकफुट पर है और कानपुर मंडल के कमिश्नर लगातार परिजनों को समझाने में जुटे हुए हैं. फिलहाल, लेखपाल और एसडीएम निलंबित कर दिया गया गया है।
कानपुर मंडल के कमिश्नर डॉ राजशेखर लगातार परिजनों को समझा रहे है कि जो भी कार्यवाही होनी है, वो शासन को भेज दी गई है. फिलहालस कुछ आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया हैं. दरअसल, आशियाना जलता देख मां-बेटी झोपड़ी में घुस गईं थी और इस दौरान दोनों जिंदा जल गई।
वहीं, घटना में मां-बेटी जिंदा जलने की सूचना मिलने पर देर रात घटनास्थल पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पहुंची. उन्होंने परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की. वहीं, पत्रकारों से बातचीत के दौरान भावुक हो गई और कहा कि मेरे पास महिला कल्याण विभाग के होने का क्या फायदा, जब एक मां और एक बेटी को हम नहीं बचा पा रहे हैं. उन्होंने परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार से कहा कि दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि घटना से मुख्यमंत्री बेहद दुखी हैं और पूरी घटना की जानकारी ले रहे हैं।
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि घटना बेहद दुखद है. जितना कष्ट इस परिवार को हो रहा है, उतना ही दुख मुझे भी हो रहा है कि मैं इस क्षेत्र की विधायक हूं और मेरे यहां पर ऐसी घटना हो रही है. महिलाओं के साथ अत्याचार ऐसे में मेरा महिला कल्याण विभाग में होना बेकार है, जब हम अपनी बेटी व एक मां को ही नहीं बचा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी होगा तो पहले घर से बाहर निकालेगा और फिर उसके बाद ही घर गिर आएगा. जमीन तो यूं ही पड़ी है और आगे भी पड़ी रहेगी. इसे कोई कहीं नहीं ले जा रहा है।