Arun Gandhi: महात्मा गांधी के पोते अरुण मणिलाल गांधी का 89 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में निधन हो गया। अरुण गांधी के बेटे तुषार गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बताया गया है कि अरुण गांधी पिछले काफी दिनों से बीमार थे। तुषार गांधी ने बताया कि उनके पिता का अंतिम संस्कार आज ही कोल्हापुर में किया जाएगा।
कौन हैं अरुण मणिलाल गांधी?
अरुण मणिलाल गांधी का महात्मा गांधी के दूसरे बेटे मणिलाल गांधी के बेटे हैं। उनका जन्म 14 अप्रैल 1934 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन में हुआ था। (Arun Gandhi) उनके पिता यहां छपने वाले अखबार इंडियन ओपिनियन के संपादक रहे, जबकि मां इसी अखबार में पब्लिशर रहीं। अरुण गांधी ने बाद में अपने दादा की राह को चुनते हुए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर कार्यकर्ता के तौर पर काम किया।
अरुण गांधी ने कुछ किताबें भी लिखी हैं। इनमें द गिफ्ट ऑफ एंगर: एंड अदर लेसन्स फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी प्रमुख हैं। अरुण गांधी 1987 में अपने परिवार के साथ अमेरिका में बस गए थे। यहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल टेनेसी राज्य के मेम्फिस में गुजारे। यहां उन्होंने क्रिश्चियन ब्रदर्स यूनिवर्सिटी में अहिंसा से जुड़े एक संस्थान की भी स्थापना की थी।
गांधी स्मारक निधि मुंबई की स्थापना कई गुना रचनात्मक गतिविधियों को संचालित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी, जिसके साथ महात्मा गांधी अपने जीवनकाल के दौरान जुड़े थे. स्मारक निधि ने औपचारिक रूप से 2 अक्टूबर 1955 को काम करना शुरू किया, जब मणि भवन तत्कालीन गांधी मेमोरियल सोसायटी को सौंप दिया गया था.
महात्मा गांधी ने बिताया अहम वक्त
महात्मा गांधी अक्सर 1917 से 1934 तक मणि भवन में रहे और यह देश की आजादी की लड़ाई की गाथा में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों और शक्तिशाली आंदोलनों का गवाह है. मणि भवन में गांधीवादी शिक्षाओं के प्रचार में लगे दो संगठन हैं: गांधी स्मारक निधि मुंबई और मणि भवन गांधी संग्रहालय.