Belrayan Kheri: बेलरायां खीरी हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा एक का टूटा पैर अन्य तीन ग्रामीण हुए घायल घायलों को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया वहीं एक घायल कि नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सक ने जिला अस्पताल के लिए भेज दिया सूचना मिलते ही वन विभाग के क्षेत्रीय वनाधिकारी ने घायलों का हाल जानने व घटना स्थल का मुआयना करने के लिए वन टीम को भेज दिया।
दुधवा टाइगर रिजर्व के बफरजोन उत्तर निघासन की बेलरायां वन क्षेत्र के गांव भुलनपर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों को मालूम हुआ कि गांव किनारे मंदिर के पास जंगल से निकले हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों के ऊपर हमला कर आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिया है देखते ही देखते सैलाब की तरह सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए खूब हल्ला मचाया तब हाथी जंगल की तरफ चले गए।
प्रधान प्रतिनिधि ध्रुव वर्मा ने बताया कि खेतों की रखवाली कर रहे लोगों ने भुलनपर गांव के किनारे मंदिर के पास गन्ने व धान के खेतों में रात दो बजे हाथियों के होने की सूचना दी सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने डंडा लाठी गोला,पटाखा व आग जलाने के लिए फूस वगैरह लेकर जैसे ही मंदिर के पास पहुंचे ग्रामीणों को आता देख हाथी चिंघाड़ने लगे हाथियों के चिंघाड़ने पर ग्रामीणों ने आग जलाई व पटाखा दगाया पटाखे की आवाज सुनते ही आक्रोशित हाथी ग्रामीणों पर हमलावर हो गए हमलावर हाथियों से बचने के लिए ग्रामीण गांव की तरफ भागे लेकिन हाथियों नें रामपाल वर्मा को पटक दिया और पैर पर पैर रख दिया जिससे रामपाल का पैर टूट गया वहीं कौशल उर्फ़ गोचली,अंकुर वर्मा,सर्वेश किसान को भी काफी छोटे आईं हाथियों के उत्पाद की खबर गांव में आग की तरह फैल गई जिससे सैकड़ो ग्रामीणों ने खूब गोले पटाखे दगाए व आग जलाई जिससे हाथी जंगल की तरफ चले गए।
हाथियों के उत्पात की ये कोई पहली वारदात नही इससे पहले भी दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल से निकल इलाके में गन्ने व धान की फसलों का नुकसान पहुंचा चुके हैं लेकिन वन विभाग मूर्क़दर्शक की तरह हाथियों से किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने में नाकाम हो रहा है।
वहीं किसानों का आरोप है कि हाथियों से फसलों के नुकसान का मुआवजा वन विभाग से मिलता नहीं और अगर किसी तरह मिलता भी है तो वो भी आंशिक जिससे वन विभाग की प्रति लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
बॉक्स,हाथियों नें रंजीत,रामपाल, राम मूर्ति, राम चन्द्र,कौशल,विजय, आलोक,प्रेमपति, राजकुमार, चुन्ना, सहित लगभग सौ बीघा धान व गन्ने का नुकसान किया है।