Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. जनवरी 2024 में रामलला अपने गर्भगृह पर विराजमान होंगे. लेकिन इसी बीच, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठा दिए हैं. बर्क ने कहा कि मस्जिद को तोड़कर मंदिर बना दिया यह नाइंसाफी है. कानून के खिलाफ है. अब सरकार अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर मस्जिद के निर्माण के लिए मुसलमानों को भी इजाजत दे. लेकिन मस्जिद के निर्माण कार्य में सरकार का कोई दखल नहीं होना चाहिए.
Ayodhya Ram Mandir: बर्क के इस बयान से गरमाई सियासत
बर्क के इस बयान पर सियासत गर्म हो गई है. बीजेपी ने बर्क के बयान की निंदा (criticism) की है. बीजेपी नेता ने कहा कि बर्क की सोच सांप्रदायिक है. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, गर्भगृह में भगवान श्रीराम की जिस प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, वह बालक रूप में होगी. सभी निर्माण कार्य अक्टूबर तक और अन्य सभी कार्य दिसंबर महीने में पूरे कर लिए जाएंगे. ये भी जानकारी दी गई कि राम मंदिर के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अयोध्या पहुंचेंगे.
बर्क के बयान पर आपकी क्या राय है?
गौरतलब है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या में रामलला के अभिषेक कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए ढाई हजार प्रमुख लोगों की लिस्ट तैयार कर रहा है, जिन्हें अगले साल जनवरी में अयोध्या में बुलाया जाएगा. इस लिस्ट में खेल जगत की हस्तियां, सेना और पुलिस अधिकारियों के अलावा राम मंदिर आंदोलन के दौरान जान देने वाले परिवारों के सदस्यों व देश के प्रमुख मंदिरों के प्रतिनिधियों को भी जगह मिलेगी.
संभल में सपा सांसद बर्क ने राम मंदिर निर्माण पर उठाए सवाल, कहा- मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाना नाइंसाफी
जान लें कि 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा कारसेवकों ने ढहा दिया था. अभी जो राम मंदिर अयोध्या में बन रहा है वह सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के आदेश के बाद बन रहा है. 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर अपना फैसला सुनाया था. जनवरी, 2024 में रामलला स्थायी रूप से गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे.