Bareilly News: अतीक और अशरफ की काली कमाई का कुछ हिस्सा सद्दाम के जरिये बरेली में निवेश किया गया है। गुर्गों और प्रॉपर्टी डीलरों की मदद से उसने मुंशीनगर इलाके में दूसरों के नाम पर जमीन खरीदी थी। इस मामले में लेनदेन के साक्ष्य मिलने पर पुलिस पहले ही कार्रवाई कर चुकी है, अब कुछ और नाम सामने आ सकते हैं।
जब सद्दाम बरेली रहने आया था तब यहां उसके दो ही दोस्त लल्ला गद्दी और फुरकान थे। इन दोनों ने सद्दाम को फरहत उर्फ गुड्डू से मिलवाया। इन लोगों ने सद्दाम को प्रॉपर्टी में निवेश की सलाह दी। सद्दाम भी बरेली में रहने का बहाना ढूंढ रहा था। फरहत उर्फ गुड्डू ने मुंशीनगर में एक जमीन दिखाकर सद्दाम को करोड़ों रुपये का मुनाफा होने का झांसा दिया था।
सद्दाम ने इस जमीन को खरीदने के लिए फरहत को लाखों रुपये दिए थे। (Bareilly News) सूत्रों के मुताबिक फरहत ने अपने या किसी करीबी के नाम मुंशीनगर स्थित इस जमीन को खरीद लिया था। फुरकान ने भी सद्दाम से प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए काफी गुजारिश की थी मगर सद्दाम ने उससे कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा था।
बताते हैं कि फुरकान के कहने पर ही उसकी राजेंद्रनगर निवासी प्रेमिका ने अपनी सहेली से सद्दाम की मुलाकात कराई थी। यह सहेली कोई और नहीं, दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री की बेटी है। रिमांड के दौरान पुलिस सद्दाम और उसके गुर्गों को आमने-सामने बैठाकर जमीन खरीद-फरोख्त के संबंध में पूछताछ कर सकती है।
सद्दाम का बहनोई अशरफ क्रिकेट खेलने का शौकीन था। वह जिला जेल के अंदर क्रिकेट मैच करवाता था। सद्दाम बहनोई की फरमाइश पर उसके लिए स्पेशल पान लेकर जाता था। एक बार बहनोई के कहने पर सद्दाम ने चार क्रिकेट बैट भी जेल में ले जाकर अशरफ को दिए थे। अशरफ के कहने पर ही सद्दाम ने उमेश पाल हत्याकांड से कुछ दिन पहले ही शहर छोड़ दिया था, लेकिन कड़ी जुड़ने पर बिथरी पुलिस ने सद्दाम और उसके गुर्गों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
सद्दाम से दोस्ती निभाने और उसके कारनामों के साझीदार कई लोग अब भी पकड़ से बाहर हैं। इनमें माधोबाड़ी क्षेत्र का निवासी मोबाइल व्यवसायी भी शामिल बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं सद्दाम से उसकी सौ से ज्यादा बार बातचीत का रिकॉर्ड मिला है। इसके अलावा एक प्रॉपर्टी डीलर और नाजिश उस्मानी नाम का शख्स भी रडार पर हैं।
सद्दाम की रिमांड के लिए बारादरी पुलिस मंगलवार को कोर्ट में अर्जी देगी। सोमवार को गांधी जयंती का अवकाश होने की वजह से यह प्रक्रिया टल गई थी। अर्जी मंजूर होने के बाद पुलिस उसे रिमांड पर लेकर आगे की पड़ताल करेगी।