Bihar Police: मुजफ्फरपुर में एक पुलिस वाले ने खुद की कीमत दो किलो लहसुन और पांच सौ रुपये बताई है। यह आरोप एक बुजुर्ग दंपति ने लगाया है। उनका कहना है कि उनके लापता बेटे को ढूंढने के लिए पुलिस ने उनसे दो किलो लहसुन और पांच सौ रुपये की मांग की है। (Bihar Police) मामला मीनापुर थाना क्षेत्र के पिपराहाँ गाँव का है। पीड़िता का कहना है कि बीते वर्ष 2022 से उसका बेटा लापता है। पुलिस वाले ने दो किलो लहसुन और पांच सौ रुपये नहीं मिलने पर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया। इसी वजह से पुलिस अब तक कुछ नहीं कर सकी है।

05 दिसंबर 2022 का दिन वह कभी नहीं भूल सकते, जब उनका बेटा अचानक लापता हो गया। काफी ढूँढा, लेकिन सब बेकार। अंत में थक हारकर दोनों बुजुर्ग माता-पिता स्थानीय थाना पहुंचे। दोनों के बयान पर मीनापुर थाना में कांड संख्या 625/22 दर्ज किया गया। लेकिन तब से लेकर अब तक उस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। (Bihar Police) कांड के सूचक योगेंद्र भगत ने बताया कि 05 दिसंबर 2022 को उनका एकलौता पुत्र अजीत कुमार घर से सुबह करीब 5 बजे शहर के लिए निकला, जिसके बाद से उसका आज तक कहीं कुछ अता-पता नहीं चल पाया। मामले की सूचना पानापुर ओपी को दी गई। उसके बाद मीनापुर थाना में कांड संख्या – 625/22 के तहत मामला दर्ज किया गया लेकिन आजतक उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़ित दंपति का कहना है कि जब भी थाने पर जाता हूँ, तो पुलिस पदाधिकारी गाली देकर और डांट फटकार कर वहाँ से भगा देते हैं। वही थाने के दरोगा के द्वारा कहा गया कि 2 किलो लहसुन और 500 रुपए लेकर आओ तभी मामले में कार्रवाई की जायगी। (Bihar Police) हालांकि सूचक ने कहा कि मेरे घर में 50 ग्राम भी लहसुन नहीं है तब मैं 2 किलो लहसुन कैसे दे सकता हूँ। 2 किलो लहसुन और 500 रुपये नहीं देने पर दरोगा ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने बिहार मानवाधिकार आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दाखिल किया है।

इस मामले में मानवाधिकार अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले को सुलझाने के बजाय पुलिस और उलझा रही है। (Bihar Police) इस मामले में पुलिस को लेकर अब उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए। पुलिस इस मामले को लहसुन और रुपये के बीच उलझाकर मामले को रफा-दफा करने में लगी हुई हैं। ऐसे मामले में सीआईडी जाँच की नितांत आवश्यकता हैं।