Bus Driver Strike: संसद द्वारा हाल ही में पारित भारतीय न्याय संहिता में “हिट एंड रन” दुर्घटना के मामले में 10 वर्ष की सजा और 7 लाख रुपए अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। इस नए कानून का विरोध कर रहे बस चालकों की हड़ताल सोमवार से भी जारी रही। हड़ताल को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है।
बस चालकों के संगठन “ऑल इंडिया बस ऑपरेटर्स फेडरेशन” ने कहा है कि नया कानून बहुत कठोर है और यह बस चालकों को बेरोजगार कर देगा। (Bus Driver Strike) संगठन का कहना है कि कई बार दुर्घटनाएं आकस्मिक होती हैं और बस चालकों की गलती नहीं होती है। ऐसे मामलों में उन्हें 10 साल की सजा हो सकती है, जो बहुत ही अनुचित है।
हड़ताल के समर्थन में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी बड़ा एलान किया है। (Bus Driver Strike) उन्होंने कहा है कि वह 2 जनवरी को लखनऊ में एक विशाल रैली करेंगे। इस रैली में वह बस चालकों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि नया कानून बस चालकों के अधिकारों का उल्लंघन है। (Bus Driver Strike) उन्होंने कहा कि सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए।

हड़ताल के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और गुजरात सहित कई राज्यों में बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
Bus Driver Strike: क्या है नया कानून?
औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (Bus Driver Strike) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
एआईएफपीएसओए के महासचिव विश्वंभर बसु ने शुक्रवार को ही पत्रकारों को बताया था कि कुल 5,38,000 उचित मूल्य दुकान मालिक अगले मंगलवार (2 जनवरी) से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हमारी प्रमुख मांग एडवांस कमीशन है. यह लंबे समय से हमारी मांग रही है. अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना कोई रातोंरात लिया गया निर्णय नहीं है.