Chandauli: जनपद चंदौली के विद्युत उपकेंद्र इलिया पर उस समय हालात गरमा गए जब क्षेत्र के किसान किसान विकास मंच के बैनर तले एकजुट होकर चरमराई विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के खिलाफ धरने पर बैठ गए। किसानों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार से तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की।
धरना स्थल पर किसानों का आक्रोश साफ नजर आ रहा था। (Chandauli) उन्होंने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अपील की कि वे उनकी आवाज को सरकार तक पहुंचाएं। उनका कहना था कि “सरकार किसानों के हित की बात तो करती है, लेकिन जमीन पर हकीकत इससे बिलकुल अलग है। यह फर्क केवल वही देख सकता है जो खुद ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों की स्थिति का जायजा ले।”
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि वर्तमान समय खेती का अत्यंत महत्वपूर्ण समय है, खासकर धान की नर्सरी बोने का, लेकिन अस्थिर और अव्यवस्थित बिजली आपूर्ति के कारण किसान अब तक नर्सरी भी नहीं डाल सके हैं। (Chandauli) इससे आने वाली फसल पर संकट मंडरा रहा है और आर्थिक स्थिति और बदतर होने का खतरा पैदा हो गया है।
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किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि सरकार ने अविलंब समुचित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की, तो हम किसान खेती से वंचित रह जाएंगे। (Chandauli) सरकार को चाहिए कि वह केवल घोषणाएं करने तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन भी करे।”
उन्होंने यह भी कहा कि “सरकार बार-बार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन जब सिंचाई के लिए मूलभूत सुविधा—बिजली ही नहीं मिलेगी—तो आय दोगुनी कैसे होगी, यह सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए।”
यह धरना सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि किसानों की बढ़ती हताशा और उपेक्षा का प्रतीक बन चुका है। (Chandauli) यदि सरकार ने इस ओर शीघ्र ध्यान नहीं दिया, तो इसका व्यापक असर क्षेत्रीय कृषि उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
जहां सरकार एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती तो है लेकिन वह संभव कैसे होगा यह उसे सोचना चाहिए