Israel’s Direct Target on Khamenei: मध्य पूर्व एक पूरे क्षेत्रीय युद्ध के कगार पर खड़ा है, क्योंकि इज़राइल ने ईरान पर अपना आक्रामक हमला और तेज कर दिया है और अब ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को सीधे निशाने पर ले लिया गया है। इज़राइली रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने एक खतरनाक घोषणा में कहा कि “खामेनेई को अब और जीवित रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती”, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि इज़राइल ईरानी नेतृत्व को खत्म कर, उसके परमाणु कार्यक्रम को जड़ से समाप्त करने की रणनीति पर काम कर रहा है। (Israel’s Direct Target on Khamenei) जैसे ही तेहरान पर मिसाइलें बरसने लगीं और इज़राइली जेट विमानों ने आसमान में कब्जा कर लिया, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में “कोई रहम नहीं” की चेतावनी दी और हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं, जिससे वैश्विक शक्तियों के युद्ध में घसीटे जाने की आशंका और गहरी हो गई।

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Israel’s Direct Target on Khamenei: छिपा हुआ किला: लावीज़ान बंकर
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट्स और X (पूर्व ट्विटर) पर कुछ अपुष्ट पोस्ट्स के मुताबिक, 13 जून को इज़राइल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ की शुरुआत के कुछ ही घंटों बाद, खामेनेई को तेहरान के उत्तर-पूर्वी हिस्से लावीज़ान में स्थित एक भूमिगत बंकर में ले जाया गया। (Israel’s Direct Target on Khamenei) यह 200 मीटर गहरा बंकर पूरी गोपनीयता से निर्मित है, जो सटीक हवाई हमलों को झेलने में सक्षम है और यहां ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य कमांड ढांचे को सुरक्षित रखा गया है। सूत्रों का दावा है कि खामेनेई, उनके बेटे मुजतबा और शीर्ष सलाहकार यहीं से प्रतिकार का संचालन कर रहे हैं।
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हालांकि, इज़राइली खुफिया एजेंसी मोसाद के पास पहले ही रात उन्हें निशाना बनाने का मौका था, लेकिन उन्होंने उस वक्त हमला नहीं किया। (Israel’s Direct Target on Khamenei) विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीतिक दबाव की नीति थी, जिससे खामेनेई पर यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम छोड़ने का दबाव डाला जा सके।
एक इज़राइली राजनयिक सूत्र ने ईरान इंटरनेशनल को बताया,“खामेनेई चूहे की तरह बिल में छिपा है, लेकिन कोई भी बंकर उसे हमेशा नहीं बचा सकता।”
यह मोसाद की सूचना शक्ति और आत्मविश्वास को दर्शाता है।वहीं, ईरानी IRGC ने अपने अंदर संभावित जासूसों की छंटनी शुरू कर दी है, और संचार उपकरणों की सख्त जांच कर रहा है ताकि किसी भी घुसपैठ को रोका जा सके। खामेनेई की गतिविधियां और स्थान अब भी बेहद गोपनीय हैं, जिनमें डिकॉय और भ्रम फैलाने की रणनीतियाँ भी अपनाई जा रही हैं।
परमाणु ठिकानों और सैन्य नेतृत्व की तबाही
इज़राइल के हमले में ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकाने जैसे नतांज़ और अराक को ध्वस्त कर दिया गया है और ईरानी सैन्य नेतृत्व का बड़ा हिस्सा मारा जा चुका है। (Israel’s Direct Target on Khamenei) प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौन सहमति प्राप्त है, ने यह संकेत भी दिया कि खामेनेई को निशाना बनाया जाना संभावित विकल्पों में है।
“हम ईरान के परमाणु खतरे और आतंकवादी नेतृत्व को ईंट दर ईंट तोड़ रहे हैं।”
19 जून को इज़राइली हमलों ने ईरान के मिसाइल लॉन्चरों को निशाना बनाया और देश के एक तिहाई मिसाइल भंडार को नष्ट कर दिया। (Israel’s Direct Target on Khamenei) इसके अलावा, कर्मानशाह एयरपोर्ट पर हमला कर कई हेलीकॉप्टरों को भी नष्ट किया, जो इज़राइली विमानों पर हमले की तैयारी में थे।
ईरान की ओर से फातह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल द्वारा इज़राइल के बेयर शेवा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर हमला किया गया, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई। इसके बाद, रक्षा मंत्री काट्ज़ ने चेतावनी दी कि“अगर हमलों का क्रम जारी रहा, तो तेहरान जलकर राख हो जाएगा।”
खामेनेई का विद्रोही रुख
अपने गुप्त स्थान से खामेनेई ने सेना और IRGC को उत्साहित करते हुए आक्रामक भाषण दिया और ट्रंप की बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग को खारिज कर दिया। 18 जून को प्रसारित भाषण में, उन्होंने कहा—
“हम ज़ायोनियों पर कोई दया नहीं करेंगे।”यह भाषण ईरानी झंडे के साथ एक सामान्य पृष्ठभूमि में रिकॉर्ड किया गया था।उनके कार्यालय की ओर से हिब्रू भाषा में X पर एक पोस्ट में इज़राइल को चुनौती देते हुए कहा गया—“तुम्हारे शेल्टर भी तुम्हें नहीं बचा पाएंगे।”
ईरान के ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III’ के तहत तेल अवीव और यरुशलम पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, जिनसे 24 नागरिकों की मौत और सैकड़ों घायल हुए।
खामेनेई ने IRGC की सर्वोच्च परिषद को अपनी शक्तियाँ सौंप दी हैं, जिससे स्पष्ट है कि ईरान अब पूर्ण युद्ध की स्थिति में प्रवेश कर चुका है। (Israel’s Direct Target on Khamenei) हालांकि, शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत ने ईरानी नेतृत्व को झटका दिया है, और विश्लेषकों का मानना है कि खामेनेई का यह गलत अनुमान देश को अराजकता में धकेल सकता है।
ट्रंप का ‘वाइल्ड कार्ड’इस संघर्ष के वैश्विक प्रभाव बेहद स्पष्ट हैं।डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर दावा किया कि “अमेरिका को खामेनेई की सटीक लोकेशन की जानकारी है, लेकिन अभी उसे छोड़ दिया गया है। (Israel’s Direct Target on Khamenei) ” रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइल द्वारा खामेनेई की हत्या की योजना को ट्रंप ने यह कहते हुए वीटो कर दिया कि इससे युद्ध और फैल सकता है।
18 जून को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक हुई, जिसमें संभावित सैन्य हस्तक्षेप पर चर्चा की गई। (Israel’s Direct Target on Khamenei) विश्लेषकों का मानना है कि ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट को तबाह करने के लिए अमेरिकी बंकर बस्टर बमों की आवश्यकता होगी, जिससे ट्रंप पर कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।
रूस और चीन ने स्थिति को नियंत्रित करने की अपील की है।
- शी जिनपिंग ने तत्काल युद्धविराम की मांग की।
- पुतिन ने खामेनेई के भविष्य को लेकर पूछे गए सवालों को टाल दिया।
- यूरोपीय राजनयिक ईरानी विदेश मंत्री से जिनेवा में मिलने की तैयारी कर रहे हैं।
- ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका इज़राइली हमलों में सहयोगी बनता है, तो उसे “मजबूत जवाब” झेलना होगा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दोनों पक्षों की निंदा की है—
- ईरान में 224 मौतें, जिनमें 74 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
- इज़राइल में 24 नागरिकों की मौत।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन की अपील की है।
सत्ता परिवर्तन या क्षेत्रीय युद्ध?
इज़राइल द्वारा खामेनेई को निशाना बनाने की रणनीति सत्ता परिवर्तन की आशंका पैदा करती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी मौत ईरानी धर्मतंत्र को खत्म नहीं करेगी।‘असेम्बली ऑफ एक्सपर्ट्स’ नए सर्वोच्च नेता का चयन करेगी, और मुजतबा खामेनेई का नाम प्रमुख विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच, ईरान समर्थित गुट—हिजबुल्लाह, हमास और यमन के हूती विद्रोही—संयुक्त हमलों की योजना बना सकते हैं। (Israel’s Direct Target on Khamenei) हिजबुल्लाह ने चेतावनी दी है कि खामेनेई की हत्या की कोशिश का विनाशकारी परिणाम होगा, और इज़राइली शहरों पर पलटवार की आशंका जताई गई है।
जैसे-जैसे तेहरान के आसमान में आग और इज़राइल में सायरन गूंज रहे हैं, दुनिया साँसें रोके देख रही है। (Israel’s Direct Target on Khamenei) क्या खामेनेई की तलाश से इज़राइल ईरान के परमाणु खतरे को खत्म कर पाएगा,या क्या यह क्षेत्र को भस्म कर देने वाली आग में झोंक देगा?
एक बात तय है—मध्य पूर्व पहले कभी भी विनाश के इतने करीब नहीं रहा।