
Jagannath Rath Yatra 2025: आज शुक्रवार को देशभर में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्राएं बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली जा रही हैं। हर जगह भक्तों का उत्साह और आस्था देखते ही बन रही है। अहमदाबाद, पुरी और उदयपुर समेत कई शहरों में रथ यात्रा का शुभारंभ परंपरागत विधियों के साथ हुआ। पहली बार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया इस भव्य धार्मिक यात्रा को.
Jagannath Rath Yatra 2025: अहमदाबाद में गृह मंत्री अमित शाह हुए शामिल
गुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथ यात्रा का शुभारंभ जमालपुर स्थित ऐतिहासिक मंदिर से हुआ। (Jagannath Rath Yatra 2025) सुबह मंगला आरती के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने परिवार के साथ शामिल हुए और भगवान का आशीर्वाद लिया। इसके बाद भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया।
सुबह 5 से 6 बजे के बीच भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथ पर विराजमान किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक ‘पाहिंद विधि’ निभाई, जिसमें सोने की झाड़ू से रथ मार्ग को बुहारा जाता है। (Jagannath Rath Yatra 2025) यह रथ यात्रा अहमदाबाद शहर की सबसे प्रमुख धार्मिक घटनाओं में गिनी जाती है। रथ यात्रा लगभग पूरे दिन चलेगी और रात 8:30 बजे के करीब भगवान वापस मंदिर लौटेंगे।
पुरी में शाम 4 बजे से शुरू होगी रथ खींचने की रस्म
ओडिशा के पुरी में आज की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक रथ यात्रा होने जा रही है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को उनके विशाल रथों पर विराजमान किया जाएगा और शाम 4 बजे से रथ खींचने की परंपरा शुरू होगी। लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर पुरी पहुंच चुके हैं। (Jagannath Rath Yatra 2025) रथ यात्रा में राजा गजपति द्वारा ‘छेरा पन्हारा’ की रस्म निभाई जाएगी, जिसके बाद यात्रा का शुभारंभ होगा।

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रथ यात्रा 2025 का पूरा शेड्यूल
27 जून, शुक्रवार – रथ यात्रा की शुरुआत
इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने रथों पर सवार होकर पुरी के जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर की ओर रवाना होते हैं। (Jagannath Rath Yatra 2025) हजारों भक्त रथों को रस्सियों से खींचते हैं। रथ पर चढ़ाने से पहले पुरी के राजा ‘छेरा पन्हारा’ नाम की रस्म निभाते हैं, जिसमें वे सोने का झाड़ू लेकर रथ का चबूतरा साफ करते हैं।
1 जुलाई, मंगलवार – हेरा पंचमी
जब भगवान पांच दिन तक गुंडिचा मंदिर में रहते हैं, तब पांचवें दिन देवी लक्ष्मी उनसे मिलने आती हैं क्योंकि वह नाराज़ होती हैं। इसे हेरा पंचमी कहा जाता है।
4 जुलाई, शुक्रवार – संध्या दर्शन
इस दिन भक्तों के लिए गुंडिचा मंदिर में विशेष दर्शन की व्यवस्था होती है। सभी भगवानों के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं। इसे बहुत शुभ दिन माना जाता है।
5 जुलाई, शनिवार – बहुदा यात्रा
इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा वापस अपने मंदिर की ओर रथों में लौटते हैं। (Jagannath Rath Yatra 2025) रास्ते में वे मौसी माँ के मंदिर पर रुकते हैं, जहाँ उन्हें ओड़िशा की खास मिठाई ‘पोडा पिठा’ का भोग चढ़ाया जाता है।
6 जुलाई, रविवार – सुना बेशा
इस दिन भगवानों को सोने के आभूषणों से सजाया जाता है। यह बहुत ही सुंदर और भव्य दृश्य होता है, जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
7 जुलाई, सोमवार – अधरा पना
इस दिन भगवानों को एक खास मीठा पेय ‘अधरा पना’ अर्पित किया जाता है। यह पेय मिट्टी के बड़े घड़ों में बनाया जाता है, जिसमें दूध, पानी, पनीर, चीनी और पारंपरिक मसाले डाले जाते हैं।
8 जुलाई, मंगलवार – नीलाद्रि विजय
]यह रथ यात्रा का अंतिम दिन होता है। इस दिन भगवान तीनों रथों से उतरकर वापस अपने मुख्य मंदिर में जाते हैं और गर्भगृह में फिर से विराजते हैं। इसे नीलाद्रि विजय कहा जाता है, जिसका मतलब है – “नीलाचल (पुरी) में फिर से लौटना”।
महिलाएं भी बनीं भक्ति की मिसाल
इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर आधारित महिला रथ यात्रा का आयोजन भी खास रहा, जिसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सामाजिक समानता और श्रद्धा का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। (Jagannath Rath Yatra 2025) उन्होंने ट्वीट किया, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पर्व सबके जीवन में सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए। जय जगन्नाथ!