Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. मैनिफेस्टो में कई मुफ्त योजनाओं का ऐलान हुआ है, लेकिन जिस स्कीम का ऐलान बीजेपी ने किया है उसने सभी को चौका दिया है. वो ये कि प्रदेश के हरेक बीपीएल परिवार को आधा किलो नंदिनी का दूध फ्री में दिया जाएगा. वैसे मौजूदा सरकार कर्नाटक में नंदिनी के रहते हुए प्रदेश में अमूल की एंट्री भी कराना चाहती थी, लेकिन प्रयास सफल नहीं हो सका. अब उसी को आधार बनाकर चुनावी वैतरणी को पार लगाने का प्रयास बीजेपी करने की कोशिश कर रही है. इस ऐलान के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं. पहला यह कि प्रदेश में कितने बीपीएल परिवार हैं? दूसरा अगर बीजेपी की सरकार प्रदेश में दोबारा सत्ता में लौटती है तो बीपीएल परिवार को फ्री में दूध देने के लिए कितना पैसा खर्च करेगी? और पांच साल की सत्ता में यह खर्च कितना बढ़ जाएगा?
बीपीएल परिवार को आधा लीटर दूध फ्री में देने का ऐलान
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि अगर बीजेपी सत्ता में दोबारा लौटती है तो सरकार ‘पोषण’ योजना शुरू करेगी. इस योजना के तहत सरकार बीपीएल परिवारों को रोज आधा लीटर नंदिनी दूध देगी. (Karnataka Assembly Election) इस योजना के कई मायने हैं. इस योजना का ऐलान कर बीजेपी ने साफ कर दिया है कि उसका नंदिनी दूध से कोई विवाद नहीं है. कुछ समय पहले कर्नाटक की बीजेपी सरकार गुजरात की अमूल दूध की एंट्री कर्नाटक में कराने जा रही थी. जिसका विपक्ष ने काफी विरोध किया था. विपक्षी नेताओं ने कहा था कि इससे नंदिनी को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. जिसके बाद नंदिनी और अमूल विवाद में बीजेपी सरकार की काफी किरकरी हुई थी.
फूड सिविल सप्लाइज एंड कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट के डाटा के अनुसार बीपीएल परिवारों की संख्या 1,17,33,766 है. वहीं आधा लीटर टोंड नंदिनी दूध की कीमत 20 रुपये है. हरेक परिवार को रोज आधा लीटर का मतलब है कि सरकार पर 23.46 करोड़ रुपये से ज्यादा का भार पड़ेगा. हर महीने नंदिनी का आधा लीटर दूध बीपीएल परिवार को देने के लिए सरकार को 700 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने होंगे. पूरे साल की बात करें तो सरकार नंदिनी दूध पिलाने पर 84,48,31,15,200 रुपये खर्च करने होंगे. सरकार पांच साल चली तो सरकार को बीपीएल परिवारों को नंदिनी दूध पिलाने का खर्च 42 हजार करोड़ रुपये ज्यादा पड़ेगा.
कर्नाटक में नंदिनी का नेटवर्क
कर्नाटक में बीजेपी की नंदिनी पर नरमी यूं ही नहीं है. नंदिनी दूध का प्रदेश में बहुत बड़ा नेटवर्क है. कंपनी के नेटवर्क में 20 हजार से ज्यादा गांव आते हैं. नंदिनी के अंडर में 14 हजार से ज्यादा कॉरपोरेटिव सोसाइटीज के साथ 24 लाख से ज्यादा मिल्क प्रोड्यूसर्स भी हैं. कंपनी के नेटवर्क को देखते हुए प्रदेश में किसी की सत्ता रही हो, उसके सामने नियम और कानूनों का कोई बैरियर खड़ा नहीं किया है. यहां तक प्रदेश सरकार भी नंदिनी से 80 लाख किलो से ज्यादा दूध खरीदती है. ऐसे में नंदिनी का महत्व प्रदेश में किसी भी बड़ी आईटी कंपनी से कम नहीं है.