Khamenei Muslim world new leader: जब पूरी दुनिया सो रही थी, तभी अचानक मिसाइलों की गूंज से पश्चिम एशिया थर्रा उठा। इजराइल के शहरों में धमाकों की आवाजें गूंजने लगीं, अमेरिकी बेस अल उदीद में आग की लपटें उठीं और डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल दिया — ‘इजराइल और ईरान सीजफायर पर राजी हो गए हैं।’ लेकिन ये कैसी शांति थी जिसमें मिसाइलें गिनने की जगह लाशें गिनी जा रही थीं? अमेरिका के इस ‘सीजफायर ड्रामे’ की पोल उसी वक्त खुल गई, जब ईरान ने खुलेआम एलान कर दिया — “हम झुकेंगे नहीं, लड़ाई खत्म तब होगी जब इजराइल को सबक सिखा देंगे।”

डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही दुनिया के सामने खुद को ‘शांति दूत’ साबित करने की कोशिश की हो, लेकिन असल में उन्होंने वही किया जो हमेशा करते आए हैं — पहले दुनिया में आग लगाओ, फिर खुद ही पानी का पाइप पकड़कर दौड़ पड़ो, जैसे कि हीरो वही हैं। (Khamenei Muslim world new leader) लेकिन इस बार उनका ये फॉर्मूला पूरी तरह फ्लॉप हो गया, क्योंकि सामने खड़ा था ईरान का वो नेता, जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना इजराइल और अमेरिका को सीधी चुनौती दे डाली — अली खामेनेई। 86 साल की उम्र में भी खामेनेई की आवाज में ऐसा गुस्सा और जोश था, जिसने दुनिया के सारे इस्लामी देशों को भी झकझोर दिया।

Khamenei Muslim world new leader: खामेनेई ने अमेरिका और इजराइल दोनों को बेइज्जत कर दिया
ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई जानते थे कि इस लड़ाई में उनकी जान जा सकती है। इजराइल के हमलों में ईरान के 30 से ज्यादा बड़े अफसर, वैज्ञानिक मारे जा चुके थे। इजराइल की खूंखार एजेंसी मोसाद ईरान के भीतर सक्रिय थी, ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह किए जा रहे थे और अमेरिका खुलेआम धमकी दे रहा था कि ‘हम जानते हैं खामेनेई कहां छुपे हैं।’ लेकिन खामेनेई पीछे नहीं हटे। (Khamenei Muslim world new leader) उन्होंने साफ कहा — “मेरी जान कोई मायने नहीं रखती, लेकिन ईरान के सम्मान के आगे अमेरिका और इजराइल दोनों बौने हैं। अगर मैं मर भी जाऊं तो ईरान की आवाज कभी नहीं रुकेगी। K(hamenei Muslim world new leader) ” और खामेनेई ने सिर्फ जुबान से ही नहीं, मिसाइलों से भी अपना इरादा दुनिया को दिखा दिया। (Khamenei Muslim world new leader) ईरान ने कतर के अमेरिकी बेस अल उदीद पर हमला कर दुनिया को चौंका दिया। वो अमेरिकी बेस जहां से पश्चिम एशिया की जासूसी और सैन्य हमले संचालित होते थे, वहां आग की लपटें उठीं। ट्रंप के सीजफायर का दावा हवा हो गया। दुनिया को समझ आ गया कि अब ये लड़ाई किसी कागजी समझौते से खत्म होने वाली नहीं है।