Lucknow News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन लगा दिया है। इसके बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने सोमवार को प्रदेश के दो बड़े शहरों लखनऊ और गाजियाबाद में छापेमारी की। हालांकि, कहीं भी हलाल सर्टिफाइड उत्पादों की बिक्री या स्टॉक नहीं मिला। लखनऊ (Lucknow News) में एफएसडीए की चार टीमों ने पांच इलाकों में स्थित 10 दुकान और स्टोर पर छापे मारे। इस दौरान गोमतीनगर, अलीगंज, हजरतगंज, नरही और विकासनगर में छापेमारी हुई। गोमतीनगर के स्पेंसर फन मॉल, बर्नवाल जनरल स्टोर, अपना मेगा मार्ट, द न्यू रिटेल शॉप, अलीगंज के पप्पू स्टोर, बंसल स्टोर, हजरतगंज के सहारा मॉल स्थित रिलायंस स्टोर, नरही के संजय स्टोर, चीप शॉप, साहू किराना और विकास नगर स्थित पतंजलि स्टोर, रिलायंस स्टोर, स्मार्ट स्टोर और स्पेंसर स्टोर चेक किए गए।
Lucknow News: टीम ने सभी पैकेट्स को सील कर दिया
इस दौरान कहीं भी हलाल सर्टिफिकेशन के उत्पाद नहीं मिले। जांच टीम ने स्टोर संचालकों को हलाल सर्टिफिकेशन के उत्पादों की बिक्री नहीं करने के भी निर्देश दिए। गाजियाबाद में भी जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कविनगर, शास्त्रीनगर, राकेश मार्ग पर स्थित दुकानों पर छापे मारे। इस दौरान टीम को एक प्रसिद्ध कंपनी के हलाल प्रमाणित सूप और नूडल्स मिले। टीम ने सभी पैकेट्स को सील कर दिया है। टीम ने कई रेस्टोरेंट पर भी छापा मारा। हालांकि इस दौरान कोई हलाल सर्टिफाइड उत्पाद नहीं बरामद हुआ। छापेमारी के दौरान टीम ने तीन नमूनों को सील करके जांच के लिए भेज दिया। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट ने कार्रवाई को पूरी तरह से गलत बताया है। ट्रस्ट के सीईओ नियाज ए फारूकी ने कहा कि हलाल ट्रस्ट का प्रमाण पत्र नियमों के तहत दिया जाता है और केवल निर्यात के लिए होता है। विदेश में खासतौर पर मुस्लिम देशों में उत्पाद निर्यात करने वाली कंपनियां प्रमाण पत्र लेती हैं।
मलयेशिया चीनी निर्यात करने वाली चीनी मिलें भी हलाल प्रमाण पत्र लेती हैं। कार्रवाई को गलत बताते हुए अदालत में गुहार लगाने की बात कही। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन को बैन करने को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से शिकायत की है। इसमें कहा है कि यूपी सरकार का आदेश प्रथम दृष्टया विधि सम्मत नहीं दिखता है। यह सही है कि खाद्य पदार्थ, औषधि, चिकित्सा सामग्री, प्रसाधन से जुड़े कानून में अलग से हलाल सर्टिफिकेशन की व्यवस्था नहीं है। लेकिन, इसका यह अर्थ नहीं है कि यदि कोई व्यक्ति हलाल सर्टिफिकेशन लिखता या लगाता है तो गैरकानूनी करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। आयोग से तथ्यों का संज्ञान लेते हुए सम्यक कार्रवाई करने की मांग की है।
हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन के पीछे क्या है वजह
योगी सरकार ने हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन लगाने का आदेश दिया है। सरकार का कहना है कि यह आदेश धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाले गतिविधियों को रोकने के लिए है। सरकार का कहना है कि हलाल सर्टिफाइड उत्पादों में मुस्लिम धर्म के लोगों को प्राथमिकता दी जाती है, जो कि धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देता है। हालांकि, हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के समर्थकों का कहना है कि ये उत्पाद किसी भी धर्म विशेष से जुड़े नहीं हैं। ये उत्पाद केवल खाद्य पदार्थों की शुद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए दिए जाते हैं।