Madhya Pradesh News : मुख्य बिंदु:
- शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chauhan) चौहान ने चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने पर जनता से सवाल किया है।
- बीजेपी ने अभी तक उनकी उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया है।
- कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि उन्हें बड़ी जवाबदेही मिलेगी, जिससे अटकलें बढ़ गई हैं कि वह सीएम बन सकते हैं।
- राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि बीजेपी एंटी इनकम्बेंसी को देखते हुए नए चेहरे के साथ जाना चाहती है।
विस्तार:
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी भी कार्यक्रम का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत दिग्गजों को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस है।
सीएम शिवराज की उम्मीदवारी पर ही नहीं, अब तो बीजेपी के सत्ता में आने पर सरकार की तस्वीर क्या होगी? इसे लेकर भी सस्पेंस गहराता जा रहा है। दरअसल, बीजेपी की तरफ से जो संकेत आ रहे हैं, उन्हें सीएम शिवराज के लिए शुभ नहीं माना जा रहा। पिछले कुछ दिनों से सीएम शिवराज भी विदाई के संकेत दे रहे हैं। संकेत की सियासत के बीच अब कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर-1 विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार घोषित होने के बाद कहा है कि केवल विधायक बनने नहीं आया हूं, पार्टी बड़ी जवाबदेही देगी। विजयवर्गीय के इस बयान से अटकलें लगने लगी हैं कि क्या बीजेपी नेतृत्व ने शिवराज को विदाई का सिग्नल दे दिया है? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि विजयवर्गीय जिस बड़ी जवाबदेही की बात कर रहे हैं, क्या वह मुख्यमंत्री की कुर्सी है या बस चुनाव लड़ने की अनिच्छा के बाद डैमेज कंट्रोल की कोशिश?
Madhya Pradesh News :कैबिनेट से जनसभा तक भावुक शिवराज
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान चुनाव से पहले हुई कैबिनेट मीटिंग से लेकर जनसभाओं तक में भावुक नजर आ रहे हैं। शिवराज ने कैबिनेट मीटिंग में सभी मंत्रियों के साथ ही अधिकारियों का भी धन्यवाद किया था। शिवराज एक अक्टूबर को अपने गृह जिले सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि ऐसा भैया दोबारा तुम्हें नहीं मिलेगा। जब जाऊंगा तब याद आऊंगा। शिवराज ने दो दिन पहले ही अपने निर्वाचन क्षेत्र बुधनी में एक कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों से पूछा कि चुनाव लड़ूं या नहीं? यहां से लड़ूं कि नहीं?
शिवराज के विदाई संकेत
शिवराज के इन बयानों को उनके विदाई संकेत के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी शिवराज के बजाय नए चेहरे के साथ चुनाव लड़ना चाहती है। इसका एक कारण एंटी इनकम्बेंसी भी हो सकता है। शिवराज सिंह चौहान 1990 से मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और 2005 से मुख्यमंत्री हैं। इस दौरान उन्होंने कई बार सरकार बनाई और गिराई है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में उनकी छवि को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय की बड़ी जवाबदेही
कैलाश विजयवर्गीय के बयान से भी यही संकेत मिलता है कि बीजेपी शिवराज को विदाई दे सकती है। विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि, यह भी संभव है कि विजयवर्गीय जिस बड़ी जवाबदेही की बात कर रहे हैं, वह सरकार में किसी अन्य अहम विभाग या संगठन में हो।
चुनाव परिणाम ही बताएंगे
अगर-मगर के फेर में फंसी पार्टी किस ओर जाएगी? ये चुनाव परिणाम ही बताएंगे लेकिन संकेत यही बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश बीजेपी में अब शिवराज का पहले जैसा राज नहीं रहा।
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