Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, जब समाजवादी पार्टी (सपा) ने बाबरी मस्जिद विध्वंस पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के रुख को लेकर नाराजगी जताई और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया। सपा प्रमुख अबू आज़मी ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी का महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ अब कोई संबंध नहीं रहेगा।
अबू आज़मी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, “हम न तो सत्तारूढ़ महायुति का हिस्सा हैं और न ही विपक्षी महा विकास अघाड़ी का, हम विधानसभा अध्यक्ष और महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय से हम दोनों के लिए अलग-अलग स्थान आवंटित करने के लिए कहेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि सपा को महा विकास अघाड़ी से कोई समर्थन या सहयोग नहीं मिला, यहां तक कि सीटों के बंटवारे और चुनाव प्रचार के दौरान भी पार्टी के नेताओं ने सपा को अलग-थलग रखा।
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अबू आज़मी की नाराजगी का मुख्य कारण 6 दिसंबर को शिवसेना की ओर से बाबरी मस्जिद के विध्वंस की प्रशंसा में सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरें हैं। इस पोस्ट में दिवंगत शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एमएलसी मिलिंद नार्वेकर की बाबरी मस्जिद के विध्वंस को लेकर प्रशंसा की गई थी। अबू आज़मी ने इसे गलत ठहराते हुए कहा, “यह पोस्ट हमारे समाज की एकता और सद्भाव के खिलाफ है। हम यहाँ किसी समुदाय को विभाजित करने के लिए नहीं, बल्कि सभी के बीच सौहार्द और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए हैं।”
सपा का आरोप है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के समर्थन में एक आंतरिक बैठक आयोजित की थी और उसमें पार्टी कार्यकर्ताओं से हिंदुत्व के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने की अपील की थी। अबू आज़मी ने इस पर भी असहमति जताई और इसे पार्टी की गलत दिशा में कदम बढ़ाना बताया।
इस घटनाक्रम के बाद, सपा ने एमवीए गठबंधन से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है और कहा कि अब वे अपनी स्वतंत्र राजनीति करेंगे। इस बीच, सपा नेताओं ने यह भी कहा कि उन्हें महा विकास अघाड़ी द्वारा कभी भी महत्वपूर्ण बैठकों या रैलियों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।