Indian Politics: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर एक पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार पर चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित समिति की बैठक के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक असहमतिपूर्ण नोट सौंपा था. (Indian Politics) इस नोट में राहुल गांधी ने साफ कहा कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता विशेष रूप से चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने ये भी दावा किया कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस चयन समिति से हटा दिया. इसके कारण चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर मतदाताओं के मन में चिंता और बढ़ गई है. उन्होंने ये भी कहा कि यह सरकार के लिए जिम्मेदारी से भागने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मान का उल्लंघन है.

Indian Politics: बाबासाहेब आंबेडकर के आदर्शों का पालन करना है जरूरी – राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने ये भी स्पष्ट किया कि नेता प्रतिपक्ष (LoP) के रूप में उनका यह कर्तव्य है कि वह बाबासाहेब आंबेडकर और हमारे देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों का पालन करते हुए सरकार को जवाबदेह ठहराएं. (Indian Politics) उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है और केवल 48 घंटे में इस पर सुनवाई होनी है. ऐसे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आधी रात में चुनाव आयुक्त की चयन पर फैसला लेना अनुचित है.

राहुल ने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि यह सरकार की ओर से उठाया गया एक अपमानजनक और असम्मानजनक कदम है क्योंकि चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने के बावजूद इस पर जल्दबाजी में फैसला लिया गया है. उनका मानना है कि ऐसे कदम भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को कमजोर कर सकते हैं.