World Cup 2023: वर्ल्ड कप 2023 में अब तक टीम इंडिया ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है, वह लाजवाब है। आज से पहले इतनी सशक्त टीम इंडिया पहले शायद ही कभी नजर आई हो। बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी तक, हर मामले में भारतीय खिलाड़ी लाजवाब प्रदर्शन कर रहे हैं। (World Cup 2023) सबसे खास बात यह है कि टीम इंडिया की प्लेइंग-11 के सभी खिलाड़ियों ने अब तक अपना काम बखूबी किया है। ऐसे में वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में उसका ऑस्ट्रेलिया पर पलड़ा भारी ही नजर आ रहा है। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने कमजोर पड़ सकती है।
World Cup 2023: बल्लेबाजी में गहराई
टीम इंडिया पिछले 6 मैचों में जिस प्लेइंग-11 के साथ मैदान में उतरी है, उसमें टॉप-7 तक तो बल्लेबाजी क्रम शानदार है लेकिन इसके बाद कोई खिलाड़ी ऐसा नहीं है जो बल्ले से थोड़ा बहुत कमाल दिखा सके। बुमराह ने इक्का-दुक्का मैचों में जरूर अच्छा बल्ला चलाया है लेकिन कुलदीप, शमी और सिराज से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती। (World Cup 2023) इसके उलट ऑस्ट्रेलिया के पास 9वें क्रम तक बल्लेबाजी में गहराई है। मिचेल स्टार्क 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हैं और वे कई मौकों पर अपने बल्ले से कंगारू टीम को जिता चुके हैं। सेमीफाइनल मैच में भी ऑस्ट्रेलिया के 8वें और 9वें क्रम के बल्लेबाजों ने दक्षिण अफ्रीका पर जीत दिलाई थी।
छठे और सातवें क्रम के बल्लेबाज
वर्ल्ड कप 2023 में अब तक टीम इंडिया को जीत दिलाने के लिए टॉप-5 बल्लेबाज ही पर्याप्त नजर आए हैं। टीम इंडिया की यह खासियत ही उसकी कमजोरी साबित हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि छठे क्रम पर मौजूद सूर्यकुमार यादव और सातवें नंबर के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को अब तक ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला है। ऐसे में अगर फाइनल में इनकी बल्लेबाजी की बारी आ जाती है तो दोनों पर बहुत ज्यादा दबाव आ सकता है। पिछले मैच में सूर्या संभवतः इसी दबाव के चलते आते ही पवेलियन लौट गए थे।
मोहम्मद सिराज
मोहम्मद सिराज पिछले दो सालों से वनडे क्रिकेट में भारत के लिए दमदार गेंदबाजी कर रहे हैं। (World Cup 2023) लेकिन इस वर्ल्ड कप में उनकी धार थोड़ी कमजोर हुई है। बुमराह और शमी की तुलना में वह बहुत पीछे हैं। (World Cup 2023) हालांकि सिराज अपना काम बखूबी कर रहे हैं लेकिन अपने पूरे शबाब पर न होने से वह खुद भी थोड़े दबाव में दिखाई दे रहे हैं। कंगारू बल्लेबाज इस चीज़ का फायदा उठा सकते हैं।
फील्डिंग
मोहम्मद शमी ने सेमीफाइनल में केन विलियमसन का आसान कैच टपकाया था। यह कैच ड्रॉप टीम इंडिया को महंगा पड़ सकता था। इसके अलावा भी इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम कई मौकों पर बाउंड्री बचाने के मौके गंवाती नजर आई है। फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को लचर फील्डिंग से बचना होगा। वैसे इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया की फील्डिंग भी कुछ खास नजर नहीं आई है लेकिन कंगारुओं ने मैच दर मैच अपने क्षेत्ररक्षण में अच्छा सुधार किया है।
कुल मिलाकर, टीम इंडिया वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले थोड़ी मजबूत नजर आ रही है। लेकिन अगर वह उपरोक्त कमजोरियों को दूर कर पाती है तो उसे खिताब जीतने से कोई नहीं रोक सकता।