New parliament: देशभर में बीते कुछ समय से संसद के विशेष सत्र को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गर्म था. इस बीच संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन 19 सितंबर को देश की नई संसद में कामकाज शुरू कर दिया गया. इसी के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने नई संसद के कामकाज के पहले ही दिन महिला आरक्षण बिल पेश किया. जिसे लेकर कई राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. संसद में पेश हुए इस महिला बिल को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के परिवार की दो बहुओं में मतभेद देखने को मिला है.
दरअसल समाजवादी पार्टी के संयोजक मुलायम सिंह यादव की बहू और बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने संसद में पेश हुए महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. (New parliament) उनका कहना है कि ‘इस बिल के संसद में पेश होने से देश की हर महिला बहुत खुश है. महिला आरक्षण लंबे समय से रुका हुआ है. आज हर महिला को आरक्षण की आवश्यकता है. इस बिल के पास होने से महिला के लिए बहुत से विकल्प होंगे. महिला की सहभागिता हर क्षेत्र में ज्यादा होना चाहिए.’
डिंपल यादव ने उठाए सवाल
बता दें कि महिला आरक्षण बिल को लेकर यादव परिवार की बहुओं के बीच मतभेद देखा जा रहा है. जहां एक ओर अपर्णा यादव ने केंद्र सरकार के इस बिल का समर्थन किया है. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने 9 साल के कार्यकाल के दौरान कभी भी इस बिल को संसद में ला सकती थी. ठीक चुनाव से पहले इस बिल को लाया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा से ही महिला आरक्षण का समर्थन किया है और हम चाहते हैं कि आरक्षण के तहत ओबीसी महिला को इसमें शामिल किया जाना चाहिए.
कांग्रेस ने जताया विरोध
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने केंद्र सरकार के इस बिल का विरोध किया है. उनका कहना है कि बीजेपी की सरकार केवल जुमलेबाजी करती आई है. बीजेपी से पहले कांग्रेस ने साल 2010 में महिला आरक्षण बिल को लाया था. जिसे राज्यसभा में पारित भी किया गया था. सुरेंद्र राजपूत ने केंद्र सरकार से मांग की है कि 2010 में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में पारित हुए महिला आरक्षण बिल को ही लागू किया जाए.